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    UP Global Investors Summit: गीडा में बनेंगे तीन प्रोसेस हाउस, 1500 लोगों को मिलेगा रोजगार

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Mon, 16 Jan 2023 02:44 PM (IST)

    UP Global Investors Summit गीडा में 150 करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर तीन प्रोसेस हाउस स्थापित होंगे। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के तहत इसका प्रस्ताव दिया गया है। प्रोसेस हाउस स्थापित होने से 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

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    गीडा में बनेंगे तीन प्रोसेस हाउस। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इस साल के अंत तक गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में तीन प्रोसेस हाउस स्थापित किए जाएंगे। इससे करीब 1500 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। प्रोसेस हाउस की स्थापना पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के तहत टेक्सटाइल सेक्टर के अंतर्गत इसके प्रस्ताव दे दिए गए हैं।

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    24 घंटे चलने वाली औद्योगिक इकाई होती है प्रोसेस हाउस

    प्रोसेस हाउस 24 घंटे चलने वाली औद्योगिक इकाई होती है। बुनकरों से प्राप्त कपड़े यहां प्रोसेस किए जाते हैं। उसके बाद अलग-अलग बाजार में प्रोसेस हाउस संचालक द्वारा बेचे जाते हैं। वर्तमान में बरगदवा में एक प्रोसेस हाउस संचालित होता है जबकि गीडा में दो प्रोसेस हाउस का संचालन हो रहा है। यह औद्योगिक इकाई नियमित रूप से चलती रहती है। तीन प्रोसेस हाउस में से एक एकीकृत रूप में होगा। यानी यहां धागा बनाने से लेकर कपड़ा बनाने और उसके प्रोसेसिंग तक की व्यवस्था होगी। इसमें प्रोसेस हाउस के अलावा अन्य दोनों इकाईयों पर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। शेष दो प्रोसेस हाउस पर 100 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

    एक प्रोसेस हाउस में 500 लोग करेंगे काम

    गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि प्रोसेस हाउस का प्रस्ताव मिला है। गीडा की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। तीन शिफ्ट में काम होने के कारण यहां कर्मचारियों की संख्या भी अधिक होती है। पावरलूम इकाई के संचालक दीपक कारीवाल बताते हैं कि एक प्रोसेस हाउस में करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। तीन प्रोसेस हाउस खुलने से काफी लाभ होगा।

    प्रोसेस हाउस के साथ स्थापित करना होगा सीईटीपी

    प्रोसेस हाउस के साथ कामन एन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) भी स्थापित करना होगा। हालांकि गीडा में 7.5 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी की स्थापना प्रस्तावित है। पर, नई इकाईयों को तभी समाहित किया जा सकेगा जब यहां सीईटीपी की क्षमता से कम उपयोग होगा। क्षमता के बराबर उपयोग होने पर सभी प्रोसेस हाउस को सीईटीपी स्थापित करनी होगी।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के अपर निदेशक अरविंद सिंह ने बताया कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के तहत तीन प्रोसेस हाउस के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जल्द ही एमओयू भी हो जाने की उम्मीद है। इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा।

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