UP में 20 दिन बाद भी नहीं सुधरी चेक क्लीयरेंस की बदहाल स्थिति, अटका हुआ है लोगों का करोड़ों का भुगतान
उत्तर प्रदेश में चेक क्लीयरेंस की स्थिति 20 दिन बाद भी ठीक नहीं हुई है, जिससे लोगों का करोड़ों का भुगतान अटका हुआ है। लगभग 3000 से ज्यादा चेक का भुगतान नहीं हो पाया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। उम्मीद है कि यह समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी।

चार अक्टूबर को लागू हुई थी एक दिन में चेक क्लीयरेंस की सुविधा। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) का रियल-टाइम चेक क्लीयरेंस सिस्टम बैंक खाताधारकों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारी वर्ग झेल रहे हैं। विभिन्न बैंकों के 3000 से ज्यादा चेक क्लियर नहीं होने की वजह से अटके हुए हैं और करोड़ों की राशि अटकी हुई है।
सबसे ज्यादा समस्या दूसरे बैंक के चेक के क्लियर होने में हो रही है। आरबीआइ ने जहां एक दिन में चेक क्लीयरेंस का दावा किया था, वहीं, बैंक में चेक लगाने के 20-20 दिन बाद भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। लोग बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें इस समस्या के समाधान संबंधी कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) ने चार अक्टूबर से ‘निरंतर समाशोधन और निपटान’ नामक एक नई चेक क्लियरिंग प्रणाली शुरू की है, जिसका उद्देश्य चेक क्लियर होने की प्रक्रिया को तेज करना है। आरबीआइ ने नए सिस्टम को लागू करते समय बताया था कि चेक क्लीयरिंग में अब दो से तीन दिन का समय नहीं बल्कि कुछ ही घंटों में हो जाएगा। इस सिस्टम को केंद्रीय बैंक की तरफ से रियल-टाइम चेक क्लीयरेंस सिस्टम नाम दिया गया है। काम जल्दी होने के दावे के साथ शुरू किए गए इस सिस्टम में 20 दिन भी समस्या बनी हुई है।
व्यवसायी विनोद टिबड़ेवाल ने कहा कि खाता आइडीबीआइ बैंक में हैं। चार और नौ नवंबर को बड़ौदा यूपी बैंक (उत्तरप्रदेश ग्रामीण बैंक) का चेक अब तक क्लियर नहीं हुआ है। इसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है। पैसा फंसा होने की वजह से व्यापारिक लेनदेन भी प्रभावित हो रहा है।बैंक से भी इस संबंध में जवाब नहीं मिल पा रहा है।
एक चेक का दो बार हो जा रहा है भुगतान
नई सिस्टम के वजह से एक चक का दो बार भुगतान हो जा रहा है। अगर कोई खाताधारक जागरूक है तो वह बैंक में आकर इसकी जानकारी दे देता है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि सिस्टम दुरुस्त होने के बाद बैंकों को ऐसे मामलों में काफी परेशानी झेलनी होगी।
लीड बैंक मैनेजर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि इस तरह के कई मामले बैकों में आ रहे हैं। दोगुना भुगतान पाकर कोई पैसा नहीं लौटाता है तो बाद में बैंक द्वारा जांच के बाद व्यापारियों से वसूला जाएगा।
- अब तक चेक क्लीयरेंस में दिक्कत बनी हुई है। 3000 से कुछ ज्यादा चेक का भुगतान नहीं हो पाया है। जल्द ही यह खामी दूर हो जाने की उम्मीद है।
मनोज श्रीवास्तव, लीड बैंक मैनेजर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।