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    UP Budget 2022: मनरेगा के जरिये गांवों में बढ़ेंगे रोजगार, गोरखपुर में 15 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित करने का है लक्ष्य

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Fri, 27 May 2022 03:56 PM (IST)

    गोरखपुर जिले में दो लाख 85 हजार 171 मनरेगा जाब कार्ड धारक हैं। ऐसे में जिले में 15 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। पिछले साल की प्रगति काफी अच्छी रही थी। ऐसे में इस बार और बेहतर करने का लक्ष्य है।

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    मनरेगा के जरिये गांवों में बढ़ेंगे रोजगार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण टीम। उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में मनरेगा के जरिए गांवों में रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार करीब 23 प्रतिशत अधिक मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। पूरे प्रदेश में जहां करीब छह करोड़ अधिक मानव दिवस सृजित किए जाएंगे वहीं गोरखपुर जिले में 15 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है।

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    पूरे प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 32 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में मनरेगा के जरिए रोजगार सृजन को गंभीरता से लिया गया है और बीते वित्तीय वर्ष में अच्छा परिणाम भी नजर आया है। जिले में दो लाख 85 हजार 171 सक्रिय जाब कार्ड हैं और पिछले वित्तीय वर्ष में 61 लाख 12 हजार 678 मानव दिवस का सृजन किया गया था। इसके लिए विभिन्न कार्यों पर 185.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। अनुसूचित वर्ग के लिए 16 लाख 93 हजार 143 मानव दिवस का सृजन हुआ था।

    मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मनरेगा के जरिए गांवों में रोजगार सृजित किया जा रहा है। पिछले साल की प्रगति काफी अच्छी रही, इस बार और बेहतर करने का लक्ष्य है। इसको लेकर कार्ययोजना बनाई गई है।

    इन कार्यों से बढ़ा रहे रोजगार: जिले में मनरेगा को परंपरागत कार्यों से अलग अन्य कार्यों से भी जोड़कर रोजगार के अवसर बढ़ाए गए हैं और उसी दिशा में इस साल भी आगे बढ़ रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट पिट, खेल का मैदान, चारागाह, आदर्श तालाब, बकरी शेड, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, स्कूल की चहारदिवारी, सोक पिट, इंटरलाकिंग, खड़ंजा, नाली निर्माण आदि कार्यों में भी मनरेगा मजदूरों से काम कराकर रोजगार सृजित किया जा रहा है।

    स्वरोजगार से बना रहे रोजगार की राह: सरकार का जोर स्वरोजगार से रोजगार सृजित करने पर भी है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के जरिए युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बजट में ओडीओपी के लिए 263.75 करोड़ जबकि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के जरिए 125 करोड़ आवंटित किया गया है।

    इन योजनाओं के जरिए ऋण प्राप्त कर युवा अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकेंगे। सरकार ने मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 800 इकाइयों को स्थापित कर 16 हजार से अधिक रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि गोरखपुर में भी इस योजना के तहत करीब 100 इकाइयां स्थापित हो सकती हैं।