गोरखपुर के स्कूलों की अनोखी पहल, बिना DL व बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूल पर बाइक या स्कूटी लाने पर लगाई रोक
बच्चों के साथ हो रहे सड़क हादसों से चिंतित गोरखपुर के स्कूलों ने अवैध बाइक चलाने वाले छात्रों पर सख्त रूख अपनाया है। स्कूलों ने तय किया है कि अब बिना ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन के स्कूलों में बाइक या स्कूटी को पार्क नहीं करने दिया जाएगा।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर के निजी स्कूलों के वे बच्चे जिनके पास दो पहिया वाहन का लाइसेंस नहीं है वह वाहन से स्कूल नहीं आ सकेंगे। क्योंकि उन्हें स्कूल में लाइसेंस व गाड़ी के कागज की कापी जमा करनी होगी तभी उन्हें प्रवेश मिलेगा। साथ ही बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें स्कूल छोड़ने आने वाले अभिभावकों के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी स्कूल प्रशासन करेगा। यहां तक स्कूल के बाहर जाम की स्थिति से निपटने के लिए स्कूल स्वयं अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को मुख्य द्वार पर तैनात कर इस समस्या से निपटेगा। इसको लेकर विद्यालयों ने कवायद शुरू कर दी है।
स्कूलों ने जारी किया यह आदेश
सड़क दुर्घटना रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने सभी विभागों के साथ ही गोरखपुर के स्कूलों को भी पत्र भेजा है। जिसमे कड़ी चेतावनी देते हुए स्कूल में शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों से ट्रैफिक नियमों पालन करवाने का निर्देश दिया है। पत्र आने के बाद स्कूल ने भी एक नियमावली तैयार करवाई है। जिसे स्कूल ने अपने शिक्षकों-कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों को भी भेजी है। साथ ही नियमों का शत-प्रतिशत पालन करने काे कहा है।
इस नियमों का करना होगा पालन
शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी बिना लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन पेपर व अन्य कागजात के गाड़ी लेकर स्कूल में नहीं कर सकेंगे प्रवेश।
वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से लगाना होगा हेलमेट व सीट बेल्ट।
वाहन के पेपर को मोबाइल नंबर से परिवहन की वेबसाइट पर कराना होगा लिंक।
वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी पड़ेगा लगवाना जो अभिभावक बच्चों को छोडने या लेने आते हैं, उनको निर्देशित करना होगा कि बच्चों को छोड़ते समय स्कूल गेट के बांयी तरफ हो तथा छोड़कर या लेकर उसी दिशा में अपने सामने की तरफ आगे बढें।
यातायात विभाग की तरफ से यह एक अच्छी पहल है। इससे सड़क पर होनी वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। बच्चे साइकिल से आएंगे तो शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। सभी अभिभावकों को नियमों की जानकारी देते हुए सूचित कर दिया गया है। इसका अशरक्ष: पालन कराने का प्रयास किया जा रहा है। - डा. सलील के. श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर।
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