Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर जिला अस्पताल का हाल: लावारिसों को मिल रहा उपचार व भोजन, संभालना मुश्किल

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 01:30 PM (IST)

    गोरखपुर जिला अस्पताल के टिटनेस वार्ड में भर्ती लावारिस मरीजों की देखभाल मुश्किल हो रही है। पैर में प्लास्टर होने के बावजूद वे सड़क पर चले जाते हैं। कर्मचारियों के ताला लगाने पर प्रबंधन ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। ये मरीज़ ज़्यादातर दुर्घटना में घायल होकर अस्पताल पहुंचे हैं। अस्पताल प्रशासन ने उनकी बेहतर देखभाल का आश्वासन दिया है।

    Hero Image
    जिला अस्पताल के टिटनेस वार्ड के बाहर लेटा रोगी। सौ. इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिला अस्पताल के टिटनेस वार्ड में लावारिस लोगों को भर्ती कर उपचार किया जाता है। उन्हें उपचार व भोजन की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन करता है। लेकिन उन्हें संभालना मुश्किल है। पैर टूटा हुआ है, प्लास्टर लगा है, बावजूद इसके बेड पर उन्हें रोक पाना मुश्किल हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धीरे-धीरे बेड से नीचे उतरते हैं और सरक कर सड़क पर आ जाते हैं। कर्मचारी उन्हें उठाकर पुन: अंदर ले जाते हैं। स्टाफ नर्स जहां हटीं, पुन: वे सड़क पर जाने की कोशिश करते हैं। इससे तंग आकर कर्मचारियों ने मंगलवार को दोपहर में वार्ड में बाहर से ताला लगा दिया।

    टिटनेस वार्ड में आठ लावारिस भर्ती हैं। मंगलवार को सुबह एक रोगी जिसके बाएं पैर में प्लास्टर लगा था, वार्ड से निकलकर वार्ड के बाहर जमीन पर लेटा था। यह फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रबंधन ने तत्काल स्टाफ नर्सों की मीटिंग बुलाई और सख्त हिदायत दी कि कोई रोगी वार्ड से बाहर नहीं आना चाहिए। उनकी पूरी देखरेख की जाए।

    उन्हें नहालाया जाए और समय से भोजन दिया जाए। कर्मचारियों ने बताया कि इनमें से अनेक मांगने-खाने वाले हैं। उनका कोई है नहीं। सड़क पर ही सोते हैं। किसी वाहन से टकराने या गिर जाने की वजह से पैर टूट गया या चोट आ गई तो किसी संवेदनशील व्यक्ति ने उन्हें लाकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया।

    पैर टूटा है तो प्लास्टर हो गया, चोट-चपेट का उपचार कर दिया गया। सुबह-शाम भोजन की व्यवस्था है। चाय-नाश्ता की व्यवस्था जिला अस्पताल में नहीं है। मनमाफिक चीजें खाने व आदत से मजबूर ये रोगी पैर में प्लास्टर लगे होने के बावजूद सरकते हुए सड़क तक चले जाते हैं और आते-जाते लोगों से मांगने लगते हैं। कई को दोबारा चोट लग जाती है। रोकने पर गालियां देते हैं। उन्हें संभालना मुश्किल होता है।

    टिटनेस वार्ड में लावारिस लोगों के उपचार की व्यवस्था की गई। ज्यादातर दुर्घटना में घायल होकर आते हैं। पैर में प्लास्टर होने के बावजूद बार-बार बाहर निकल जाते हैं और मांगने लगते हैं। उन्हें पकड़कर पुन: अस्पताल में लाया जाता है। कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि उनका पूरा ध्यान रखा जाए और बाहर न जाने दिया जाए। ताला लगाना ठीक नहीं है। ताला खुलवा दिया जाएगा और निगरानी बढ़ा दी जाएगी। -डा. बीके सुमन, चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल