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    संतकबीर नगर में अवैध रूप से चल रहा था अल्ट्रासाउंड केंद्र, प्रशासन ने किया सीज

    By Rahul SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 09 Oct 2021 10:38 AM (IST)

    संतकबीर नगर की डीएम दिव्या मित्तल के निर्देश पर धनघटा के एसडीएम योगेश्वर सिंह स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ महुली कस्बे में स्थित पूजा अल्ट्रा ...और पढ़ें

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    महुली कस्बा अवैध तरीके से चल रहे पैथोलाजी सील करने पहुंचे एसडीएम जोगेश्वर सिंह व डा.वीपी पांडेय। जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता : संतकबीर नगर की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर धनघटा के एसडीएम योगेश्वर सिंह स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ महुली कस्बे में स्थित पूजा अल्ट्रासाउंड व पैथालोजी सेंटर पर छापेमारी की। जांच में खामिया उजागर होने पर सेंटर को सील कर दिया। छापेमारी के दौरान चकमा देकर भाग रहे संचालक दंपती को पुलिस कर्मियों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। इस दौरान टीम को मिले अभिलेखों में सरकारी चिकित्सक, आशा बहु, एएनएम, स्टाफ नर्स द्वारा कमीशन वसूलने की पुष्टि भी हुई है।

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    क्षेत्र में अवैध तरीके से चल रहे कई अल्ट्रासाउंड व पैथालोजी सेंटर

    क्षेत्र में अवैध तरीके से बड़ी संख्या में अल्ट्रासाउंड व पैथालोजी सेंटर चल रहे हैं, जहां चिकित्सकों के कमिशन के चक्कर में मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने डीएम से की थी। मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम ने एसडीएम योगेश्वर सिंह, जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. बीपी पांडेय, डा. राजेश पटेल के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगाया था। टीम ने पूजा डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापेमारी की तो यहां भारी खामियां उजगार हुईं।

    केंद्र संचालक को दौड़ाकर टीम ने पकड़ा

    कारवाई के दौरान चकमा देकर भाग रहे संचालक केंद्र संचालक पूजा श्रीवास्तव व आशीष श्रीवास्तव को करीब आधा किलोमीटर दौड़ाकर पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया। मौके पर 14 मरीज जांच कराने के लिए मौजूद मिले। सेंटर संचालन कोई वैध कागजात नहीं उपलब्ध करा सके। सेंटर पर मिले रजिस्टर पर सरकारी व निजी चिकित्सक, आशा बहु, एएनएम, स्टाफ नर्स द्वारा कमीशन के लिए मरीज भेजने की पुष्टि हुई। अनियमितता मिलने पर तत्काल सेंटर को सील कर दिया गया।

    एनीमिया से बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को करें  जागरूक

    जिला अस्पताल के सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जिले के विभिन्न अस्पतालों से आए हुए स्वास्थ्य कर्मियों को गर्भवती महिलाओं को खून की कमी (एनीमिया) से बचाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य कर्मियों को लेबर रूम में प्रसव के दौरान होने वाले जोखिम के बारे में आवश्यक जानकारी भी दी। प्रशिक्षक डा. आरपी राय ने कहा कि संतुलित आहार के अभाव में तमाम गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार हो जाती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव योजना सहित अन्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को छह माह तक आयरन की गोलियां दी जाती हैं। इसकी नियमित रूप से मानीटरिंग संबंधित उपकेंद्रों के एएनएम को करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से बचाने के लिए जागरूक करना होगा।