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    गोरखपुर रूट पर 130 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रूट पर तैयारी शुरू

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:05 AM (IST)

    सिग्नल सिस्टम को पूरी तरह मजबूत करने के लिए गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक करीब 425 किमी रेलमार्ग पर डबल डिस्टेंस सिग्नल लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेल लाइनों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।

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    गोरखपुर रूट पर 130 की रफ्तार से ट्रेनें चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर भी ट्रेनें अधिकतम 100 की जगह 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। गाड़ियां समय से गंतव्य पर तो पहुंचेंगी ही, दुर्घटनाओं पर भी पूरी तरह से अंकुश लगेगा। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे के रेल मार्गों पर भी डबल डिस्टेंस सिग्नल लगाए जाएंगे।

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    अपने गंतव्य पर समय से पहुंचेंगी गाड़ियां, दुर्घटनाओं पर पूरी तरह लगेगा अंकुश

    फिलहाल, सिग्नल सिस्टम को पूरी तरह मजबूत करने के लिए गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक करीब 425 किमी रेलमार्ग पर डबल डिस्टेंस सिग्नल लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेल लाइनों को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसके लिए 52 की जगह 60 किलाेग्राम वजन की पटरियां और स्लीपर लगाए जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार डबल डिस्टेंट सिग्नल, स्टेशन यार्ड के बाहर लगे डिस्टेंट सिग्नल से एक किमी पहले लगाए जाएंगे। इस सिग्नल में एक हरी और दो पीली बत्ती होंगी। हरी बत्ती होने पर ट्रेन निर्धारित रफ्तार से आगे बढ़ जाएगी। जबकि, एक पीली बत्ती पर नियंत्रित तथा दूसरी पीली बत्ती पर और नियंत्रित हो जाएगी। 

    कोहरे में भी ट्रेनों की रफ्तार पर असर नहीं पड़ेगा

    डबल डिस्टेंट सिग्नल लग जाने से ट्रेनें आउटर पर बिना वजह नहीं रुकेंगी। सामान्य ही नहीं कोहरे के दिनों में भी ट्रेनों की रफ्तार पर असर नहीं पड़ेगा। ट्रेनों के इंजनों में लगी फाग सेफ डिवाइस डबल डिस्टेंस सिग्नल से 500 मीटर पहले ही लोको पायलटों को सतर्क कर देंगी। ऐसे में स्टेशन यार्डों में दुर्घटना की आशंका पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

    दरअसल, पूर्वोत्तर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य मार्ग को भी राजधानी एक्सप्रेस के लायक बनाया जा रहा है। भारतीय रेलवे के जिन रूटों पर राजधानी एक्सप्रेस चल रही हैं, उनपर पहले से ही पटरियों और स्लीपर को बदला जा चुका है। डबल डिस्टेंट सिग्नल भी लग गए हैं। भविष्य में गोरखपुर के रास्ते भी राजधानी एक्सप्रेस चलाने की योजना है। राजधानी की तर्ज पर आनंदविहार- नाहरलागून अरुणाचल एसी एक्सप्रेस चल रही है।

    बाराबंकी- गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर डबल डिस्टेंट सिग्नल लगाने का कार्य स्वीकृत है। इस रेल मार्ग पर डबल डिस्टेंट सिग्नल लग जाने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे-गोरखपुर। 

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