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    Railway प्रशासन के तैयारियों की खुली पोल, ट्रेनों में सीट मिल रही न प्लेटफार्मों की जानकारी, कहां जाएं यात्री

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 19 Nov 2023 10:55 AM (IST)

    छठ पर यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम की पोल उस समय खुल गई। जब शनिवार को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर हजारों यात्री देर रात तक भटकते रहे। वजह ये थी कि ट्रेनों की जानकारी न पूछताछ काउंटर पर मिल पा रही थी और न डिस्प्ले बोर्ड पर सूचना चल रही थी। देरी से चलने वाली ट्रेनों की घोषणा भी नहीं हो रही थी।

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    ट्रेनों में चढ़ने के लिए यात्रियों को कुछ इस तरह मशक्कत करनी पड़ रही। -जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। छठ पर्व के दौरान रेलवे प्रशासन के तैयारियों की पोल खुल गई है। ट्रेनों में न सीट मिल पा रही और न स्टेशनों पर प्लेटफार्मों की जानकारी। रोजाना की भांति शनिवार को भी हजारों यात्री गोरखपुर स्टेशन पर देर रात तक भटकते रहे। ट्रेनों की जानकारी न पूछताछ काउंटर पर मिल पा रही थी और न डिस्प्ले बोर्ड पर सूचना चल रही थी। विलंब से चलने वाली ट्रेनों की भी घोषणा नहीं हो रही थीं। ट्रेन कहां है, कब तक पहुंचेगी और किस प्लेटफार्म पर आएगी। इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं था। पूछने पर स्टेशन प्रबंधन भी हाथ खड़ा कर दे रहा था।

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    यह तब है जब रेल प्रशासन ने स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा बलों की भारी भरकम टीम तैनात की है। गोरखपुर से सुबह पांच बजे आनंदविहार के लिए रवाना होने वाली 01675 नंबर की स्पेशल ट्रेन की दोपहर बाद दो बजे तक कोई सूचना नहीं थी। सैकड़ों यात्री सुबह से ही ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। स्टेशन प्रबंधन भी ट्रेन के बारे में कोई सूचना नहीं दे पा रहा था। तीन बजे तक ट्रेन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई। 10:45 घंटे की देरी से ट्रेन गोरखपुर पहुंची तो यात्रियों ने राहत की सांस ली। पूरा दिन स्टेशन पर ही कट गया।

    शुक्रवार की रात 04517 नंबर की स्पेशल ट्रेन गोरखपुर से दो घंटे की देरी से रवाना हुई। जानकारों का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के नाम पर रेलवे प्रशासन क्षमता से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन तो कर दिया है, लेकिन उनकी सही निगरानी नहीं हो पा रही। रेलवे प्रशासन ट्रेनों को चलाकर भूल जा रहा।

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    स्पेशल ट्रेनें तो सवारी गाड़ी बन गई हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों पर ही 75 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। इसके बाद भी ट्रेनों में जगह नहीं मिल पा रही। जनरल कोचों में तो खड़े होने की जगह नहीं मिल रही। छठ पर्व पर घर जाने वाले लोग टायलेट में बैठकर अपनी यात्रा पूरी करने को मजबूर हैं। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे तो ट्रेनों में चढ़ ही नहीं पा रहे। ऊपर से गाड़ियों का विलंबन कोढ़ में खाज का काम कर रहा है।

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    बस स्टेशन पर दिन भर लगी रही भीड़, परेशान रहे लोग

    बस स्टेशन पर दिन भर यात्रियों की भीड़ लगी रही। ट्रेनों में जगह नहीं मिली तो लोग भागकर बस स्टेशन पहुंच रहे थे। भीड़ बढ़ी तो लोकल रूट पर चलने वाली बसों का टोटा पड़ गया। स्टेशन परिसर में लगते ही बसें भर जा रही थीं। सीटों के लिए लोगों को धक्कामुक्की करनी पड़ी। गोरखपुर और आसपास के लोग ही नहीं दिल्ली, पंजाब, मुंबई और गुजरात आदि से गोरखपुर पहुंचे लोग घर जाने के लिए परेशान रहे। तमकुही, पडरौना, लार, रुद्रपुर आदि रूटों पर रोडवेज की बसें कम पड़ गईं। देर रात तक लोग बसों का इंतजार करते रहे।