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    Indian Railway News: चार दिन के ब्लाक में पूरा कर लिए महीनों का काम, बदल गई पांच प्वाइंट मशीन

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 03:01 PM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए ट्रैक अपग्रेड कर रहा है। करनैलगंज-घाघरा घाट के बीच तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर दिसंबर 2025 तक 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलेंगी। सुरक्षा के लिए रेल लाइनों के किनारे फेंसिंग लगाई जा रही है।

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    करनैलगंज- घाघरा घाट थर्ड लाइन के लिए एक चार जून तक लिया गया था ब्लाक- गोंडा कचहरी। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में थर्ड लाइन, डबल लाइन और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए तेजी से निर्माण आदि कार्य किए जा रहे हैं। लखनऊ मंडल स्थित करनैलगंज- घाघरा घाट के बीच थर्ड लाइन के लिए एक चार जून तक ब्लाक लिया गया था।

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    महज चार दिन के ब्लाक में रेलवे प्रशासन ने थर्ड लाइन की नान इंटरलाकिंग के साथ महीनों का कार्य पूरा कर लिया है। जिसमें शैडो ब्लाक के अन्तर्गत पांच प्वाइंट मशीन, 21 क्वाड केबल ज्वाइंट और पांच गेट बूम को बदल दिया गया।

    मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार यात्रियों की मांग के अनुरूप ट्रेनों का सुगम परिचालन के लिए भारतीय रेलवे में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।

    इसी क्रम में तीन व चार जुलाई को रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल प्रणजीव सक्सेना ने गोंडा-बुढ़वल (61.72 किमी) खंड पर तीसरी लाइन निर्माण के द्वितीय चरण में करनैलगंज-घाघरा घाट (21.77 किमी) के मध्य नवनिर्मित विद्युतकर्षण युक्त तीसरी लाइन का संरक्षा परीक्षण किया।

    करनैलगंज-घाघरा घाट तीसरी लाइन निर्माण के अन्तर्गत नानइंटरलाकिंग कार्य के दौरान गोरखपुर-गोंडा रेलखण्ड पर 60 किग्रा रेल की वेल्डिंग, एक टर्न आउट का नवीनीकरण, 295 मीटर गार्ड रेल एवं 75 एच बीम स्लीपर को बदला गया। 230 ब्रैकेट बोल्ट लगाया गया। 40 बियरिंग की ओवहालिंग/ग्रीसिंग तथा 40 रेल पैनल अनलोड किया गया।

    गोंडा-डालीगंज खण्ड पर 43 बैगन बैलास्ट अनलोड किया गया। 12 अदद स्लीपर बदलने और छह अदद स्लीपर लगाने तथा 20 रेल कटिंग एवं 372 ट्रैक मीटर थ्रू रेल रिन्यूवल, 360 ट्रैक मीटर रेल बदलने का कार्य सफलता पूर्वक किया गया।

    मुख्य रेलमार्ग गोरखपुर-लखनऊ रेल खण्ड पर गति सीमा बढ़ाने के लिए ट्रैक स्ट्रक्चर को अपग्रेड करने का कार्य जारी है। 52 किग्रा भार वर्ग के रेल एवं कंक्रीट स्लीपर को 60 किग्रा भार वर्ग के रेल एवं कंक्रीट स्लीपर से बदला जा रहा है।

    अधिकतम 130 की गति से चलेंगी ट्रेनें, तेज हुई तैयारी

    बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर 110 की जगह 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलेंगी। शुक्रवार को सीआरएस ने करनैलगंज-घाघराघाट थर्ड लाइन पर 130 किमी की गति से ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल भी किया। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए एक साथ कई कार्य किए जा रहे हैं।

    गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक लगभग 425 किमी रेलमार्ग पर रेल लाइनें और स्लीपर बदलने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। जो दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। 52 किलोग्राम वाली एक मीटर लंबी रेल लाइन की जगह 60 किलोग्राम की रेल लाइन लगाई जा रही है। 281 किलोग्राम के नए मजबूत स्लीपर लगाए जा रहे हैं।

    नए स्लीपर और रेल लाइनों पर लोडेड ट्रेनें भी निर्बाध ढंग से अधिकतम गति से चल सकेंगी। ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा भी बढ़ जाएगी। सुरक्षा के लिए रेल लाइनों किनारे बाड़ (फेंसिंग) लगाए जा रहे हैं। बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा मार्ग पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम के साथ कवच का अपग्रेड वर्जन 4.0 लगाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।