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    Kushinagar Airport को मिले 255 करोड़ रुपये, अक्टूबर से शुरू हो सकती है उड़ान

    By Rahul SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:56 AM (IST)

    Kushinagar Airport केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 255 करोड़ का बजट जारी किया है। नई दिल्ली में उन् ...और पढ़ें

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    कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बिल्डिंग। जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Kushinagar Airport: केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 255 करोड़ का बजट जारी किया है। नई दिल्ली में उन्होंने इसकी घोषणा की। जारी बजट से इस एयरपोर्ट पर एयरबस 321 व बोइंग 737 लायक शेष सभी अनुमन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। विमानन मंत्री ने 100 दिन में देश के पांच एयरपोर्टों से उड़ान शुरू करने की घोषणा की है। इसमें कुशीनगर टाप वन पर है। मंत्रालय ने 50 नए रूट भी तय कर दिए हैं। अक्टूबर में 30 नए रूट पर उड़ान शुरू हो जाएगी। कुशीनगर एयरपोर्ट का रन वे, टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी, फायर, विद्युत सब स्टेशन, आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। आफिसर ग्रेड, टेक्निकल व एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है।

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    आइएलएस लगाया जाना शेष

    बाधारहित उड़ान के लिए आइएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) लगाया जाना शेष है। आपरेशनल एरिया में डीवीओआर (डाप्लर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज) भी लगाया जाएगा। दोनों सिस्टम के लग जाने से लैंडिंग प्रोसेस में पायलट को मदद मिलेगी। इस सिस्टम के लगने से कोहरे व बारिश के दौरान न्यूनतम द्श्यता में भी विमान रन वे पर लैंड व टेक आफ कर सकेंगे। राज्य सरकार आइएलएस के लिए 32 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर रही है। योजना है कि जारी बजट से एयरपोर्ट के सभी अपूर्ण कार्य व आवश्यक आधारभूत सुविधाओं की स्थापना का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाए। एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि आइएलएस सिस्टम लगाने व अन्य आधारभूत संसाधनों की डिमांड भेजी गई थी। नए बजट से अधूरे कार्य शीघ्र पूरे हो जएंगे।

    बढ़ी जिला प्रशासन की जिम्मेदारी

    अक्टूबर में उड़ान का लक्ष्य तय कर दिए जाने से जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ गई है। आइएलएस व डीबीओआर सिस्टम के लिए 32 एकड़ भूमि चाहिए। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू की है। इस दायरे में लगभग 80 मकान आ रहे हैं। भूमि का मुआवजा वितरण हो रहा है, लेकिन मकानों के मुआवजे पर अभी निर्णय नहीं हो पाया है।