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    Railway News: अगले साल तक बदल जाएगी NER की तस्‍वीर, 95 फीसद रेल लाइनों का पूरा हो जाएगा व‍िद्युतीकरण

    North Eastern Railway एनईआर के जीएम विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि तेजी के साथ बड़ी रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो रहा है। वर्ष 2020-21 में 561.36 रूट किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया जो भारतीय रेलवे स्तर पर एक रिकार्ड है।

    By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 08 Aug 2021 01:12 AM (IST)
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    एनईआर में अगले वर्ष 95 फीसद रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो जाएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। North Eastern Railway पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि तेजी के साथ बड़ी रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो रहा है। वर्ष 2020-21 में 561.36 रूट किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया, जो भारतीय रेलवे स्तर पर एक रिकार्ड है। एक वर्ष में सर्वाधिक विद्युतीकरण करने के मामले में पूर्वोत्तर रेलवे दूसरे स्थान पर रहा है। अगले वर्ष हर हाल 95 फीसद रेल लाइनों का विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा।

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    एक वर्ष में 561.36 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण कर पूर्वोत्तर रेलवे ने हासिल किया दूसरा स्थान

    महाप्रबंधक दैनिक जागरण से बातचीत में अपनी प्राथमिकताएं गिना रहे थे। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2023 तक भारतीय रेलवे के सभी बड़ी रेल लाइनों का विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। उसके पहले ही पूर्वोत्तर रेलवे अपना लक्ष्य हासिल कर लेगा। लखनऊ मंडल के आनंदनगर-नौतनवां मार्ग का भी कार्य पूरा हो गया है। अगस्त में ही इस रेलमार्ग पर भी इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी। आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी कार्य तेज गति से चल रहा है।

    ट्रेनों की गति बढ़ाने के लायक बनाए जा रहे ट्रैक, चल सकेंगी राजधानी जैसी ट्रेनें : विनय कुमार त्रिपाठी

    बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि ट्रेनों का समय पालन 96 फीसद से अधिक हो गया है। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए मजबूत ट्रैक तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए रेल लाइनें बदली जा रही हैं। चौड़े व मजबूत स्लीपर लग रहे हैं। सिग्नल सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए स्टेशनों पर डबल डिस्टेंट सिग्नल लगाए जा रहे हैं। ताकि, पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर भी ट्रेनें 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर चल सकें।

    राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी

    पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर से होकर राजधानी एक्सप्रेस चलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बाराबंकी से छपरा रूट की गति बढ़ने के बाद राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी।