गोरखपुर के उद्योग भवन से निकली थी उद्योग बंधु की अवधारणा Gorakhpur News
गोरखपुर के उद्योग भवन का इतिहास काफी सुनहरा रहा है और औद्योगिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पूरे प्रदेश में उद्यमियों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए होने वाली उद्योग बंधु की बैठक की अवधारणा इंडस्ट्रियल एस्टेट में स्थित उद्योग भवन से निकली थी।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार दिसंबर को शाम चार बजे से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे। नए भवन के बहाने चैंबर के पुराने भवन की उपलब्धियों की चर्चा शुरू हो गई है। उद्योग भवन का इतिहास काफी सुनहरा रहा है और औद्योगिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पूरे प्रदेश में उद्यमियों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए होने वाली उद्योग बंधु की बैठक की अवधारणा इंडस्ट्रियल एस्टेट में स्थित उद्योग भवन से निकली थी। गीडा की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों को लेकर रणनीति भी यहीं बनी थी। चैंबर के पदाधिकारियों का कहना है कि नया उद्योग भवन भी पुराने की तरह ही इतिहास रचेगा। बचे कार्यों को पूरा करने में काफी योगदान मिलेगा।
चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों के अनुसार पुराने भवन की तरह नया भवन भी रचेगा इतिहास
इंडस्ट्रियल एस्टेट में उद्योग भवन का लोकार्पण 22 जून 1988 को हुआ था। यहां के उद्यमी अनौपचारिक रूप से उद्योग बंधु की बैठकें करते थे। कुछ दिनों बाद गोरखपुर आए प्रदेश के तत्कालीन उद्योग सचिव सीएम वासुदेव के सामने उद्योग भवन में ही उद्यमियों ने पूरे प्रदेश में उद्योग बंधु की बैठक कराने का सुझाव दिया था। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल के अनुसार लखनऊ जाने के बाद उद्योग सचिव ने यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी। तभी से हर मंडलीय एवं जिला स्तरीय उद्योग बंधु की बैठकें आयोजित होती हैं। इसी भवन से प्रयास शुरू होने के बाद गीडा की स्थापना भी हुई। नए भवन से टेक्सटाइल पार्क व फूड पार्क बनाने के प्रस्ताव को मूर्त रूप देने पर विचार होगा।
सभी सदस्यों का है उद्योग भवन में सहयोग
चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया के अनुसार उद्योग भवन में चैंबर के सभी 200 सदस्यों का योगदान रहा है। यही इसकी विशेषता है और सबका जुड़ाव भी बना रहेगा। भवन के लिए जमीन गीडा की ओर से उपलब्ध कराया गया है। 10 हजार वर्ग फीट जमीन के 4000 वर्ग फीट हिस्से में भवन का निर्माण हुआ है। इसमें एक सेमिनार हाल, बैठक कक्ष व पदाधिकारी कक्ष बनाया गया है। इस भवन के साथ चैंबर के साथ गीडा में भी कार्यालय हो गया है। इसमें स्थानीय स्तर पर बने सामान का ही प्रयोग किया गया है। भवन को बनाने में करीब 80 लाख रुपये की लागत आयी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।