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    नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत की जन्मस्थली को तारणहार का इंतजार Gorakhpur News

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:10 PM (IST)

    सरकारी तंत्र की उपेक्षा के चलते यूपी के देवरिया में स्‍थापित जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत नाथ की जन्मस्थली मुकम्मल विकास नहीं हो पाया।

    नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत की जन्मस्थली को तारणहार का इंतजार Gorakhpur News

    गाेरखपुर, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। दुनिया के विभिन्न देशों के जैन धर्म से जुड़े अनुयायियों के श्रद्धा का केंद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का खुखुंदू गांव जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंत नाथ की जन्मस्थली है। महत्वपूर्ण होते हुए भी सरकारी तंत्र की उपेक्षा के चलते इस स्थल का अभी तक मुकम्मल विकास नहीं हो पाया। भगवान पुष्पदंत के जन्मस्थल से पांच किमी की परिधि में अगल-बगल करीब 32 टीले हैं, जहां सनातन धर्म व जैन धर्म से जुड़े तमाम पुरावशेष हैं।

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    आकर्षण का केंद्र भगवान पुष्पदंत की प्रतिमा

    जैन धर्म के तीर्थ स्थलों में एक नौवें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंतनाथ की जन्मस्थली खुखुंदू (काकंदी) में एक मंदिर में स्थापित नौ फीट ऊंची ग्रेनाइट पत्थर की प्रतिमा व बगल में भगवान का एक प्राचीन चरणपादुका मंदिर भी है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

    यहां भी हैं पुरावशेष

    नौवें तीर्थंकर के जन्मस्थल के निकट खिरसर, भदहर, सुरहां, खुखुंदू गांव का पइलहा टोला, मठिया गांव के आस-पास 32 टीलें हैं, जहां जैन व शैव धर्म से संबंधित पुरावशेष हैं, जिन्हें कोई भी क्षतिग्रस्त करने की हिम्मत नहीं जुटाता। स्थानीय नागरिक आलोक राय कहते हैं कि जैन धर्म से संबंधित पुरावशेष के टीलों को कई लोगों ने छेड़ने की कोशिश की तो उनका काफी नुकसान हुआ, इसलिए कोई आगे नहीं आता, इसकी खोदाई होनी चाहिए।

    देश-विदेश से आते हैं पर्यटक

    तीर्थस्थल पर उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल के साथ ही विदेशों में थाईलैंड, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, नेपाल से भी पर्यटकों का आना-जाना होता है।

    नहीं है जाने का रास्ता

    देवरिया जिला मुख्यालय से करीब सोलह किमी दूर जैन तीर्थस्थल पर पहुंचने के लिए लोगों को सकरे रास्ते से जाना पड़ता है। मुख्य मार्ग पर कहीं भी मंदिर जाने का गेट भी नहीं बनाया गया है। इसके अलावा पर्यटकों को विश्राम करने का सरकारी स्तर पर कोई समुचित इंतजाम नहीं है। पर्यटन विभाग ने अभी तक ध्यान नहीं दिया।

    पर्यटन विभाग इस मंदिर के विकास के लिए कार्ययोजना बनाए, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ सके। यहां भी जैन सर्किट का निर्माण किया जाना चाहिए। - पुष्पदंत जैन, अध्यक्ष, पारसनाथ दिगंबर जैन सोसायटी।

    भगवान पुष्पदंत के मंदिर का पर्यटक स्थल के रूप विकास होना चाहिए। इसके लिए विभाग से पहल की जाएगी। - अमित किशोर, जिलाधिकारी, देवरिया।