गोरखपुर/चंडीगढ़, जगरण संवाददाता। मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग के मुख्यालय पर नौ मई, 2022 को राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला करने वाले मुख्य शूटर दीपक रंगा को एनआइए ने गिरफ्तार कर लिया है। कनाडा में बसे आतंकी लखबीर सिंह लंडा और पाकिस्तान में शरण लेने वाले आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के करीबी रंगा को गोरखपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि वह गोरखपुर से सोनौली बार्डर होते हुए नेपाल भागने के फिराक में था। एनआइए का कहना है कि गोरखपुर पुलिस को इसकी सूचना नहीं थी। गिरफ्तारी की सूचना के बाद पुलिस सक्रीय होकर जांच करने में जुटी।
कई हिंसक अपराधों में दर्ज है केस
हरियाणा के झज्जर के सुरकपुर गांव का रहने वाले रंगा पर आरपीजी हमले में शामिल होने के अलावा, हत्याओं सहित कई अन्य हिंसक अपराधों के केस दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि एनआइए ने पिछले वर्ष 20 सितंबर को स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था। उस समय यह तथ्य सामने आए थे कि विदेश से आतंकी संगठन और आतंकी लक्षित हत्याओं (टार्गेट किलिंग) और हिंसक आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए देश के उत्तरी राज्यों में संगठित आपराधिक गिरोह मिलकर काम कर रहे हैं।
यह बात भी आई सामने
यह बात भी सामने आई थी कि आतंकी, गैंगस्टर और नशा तस्कर मिलकर सीमा पार से हथियार, विस्फोटक और आइईडी आदि की तस्करी कर रहे हैं। हालांकि जिस आतंकी दीपक रंगा को एनआईए गोरखपुर से गिरफ्तार करने का दावा कर रही है। पुलिस सुत्रों की माने तो उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया है। आरपीजी हमले के बाद से रंगा फरार चल रहा था। एनआइए ने कहा कि रंगा सक्रिय रूप से रिंदा और लंडा से हथियार और आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहा था।
क्या कहते हैं अधिकारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि एनआईए ने आपरेशन के संबंध में गोरखपुर पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी। दीपक रांगा को गोरखपुर से कहां से पकड़ा गया है इसकी भी सूचना नहीं है।