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    पीएचडी की कक्षाएं लेने के लिए अब दस साल का अनुभव अनिवार्य, जानें-कब से प्रभावित होगा यूजीसी का यह नियम Gorakhpur News

    By Satish ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jan 2020 11:14 AM (IST)

    यूजीसी के नियम से नए शिक्षकों को राहत मिल जाएगी वहीं वरिष्ठ शिक्षकों पर प्री-पीएचडी पाठ्यक्रम पूरा करने की जिम्मेदारी होगी। आयोग का यह नियम अगले सत्र से प्रभावी हो जाएगा।

    पीएचडी की कक्षाएं लेने के लिए अब दस साल का अनुभव अनिवार्य, जानें-कब से प्रभावित होगा यूजीसी का यह नियम Gorakhpur News

    गोरखपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स की कक्षाएं लेने के लिए शिक्षकों के दस वर्ष के शैक्षिक अनुभव को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत दो नए कोर्स रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स एवं पब्लिकेशन मिस कंडक्ट भी शामिल किए जाएंगे, जो कुल तीस घंटे के होंगे। आयोग का यह नियम अगले सत्र से प्रभावी हो जाएगा।

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    यूजीसी का नियम लागू होने के बाद दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के लगभग सौ नवनियुक्त शिक्षक अगले सत्र से प्री-पीएचडी की कक्षाएं नहीं ले पाएंगे। बीते नौ अगस्त को हुई बैठक में हुए निर्णय के आधार पर यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यह आदेश जारी किया है।

    ग्रुप डिस्कशन व प्रयोगात्मक सत्र भी होंगे शामिल

    यूजीसी के नियम के अनुसार विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स में कक्ष शिक्षण के अलावा ग्रुप डिस्कशन एवं प्रयोगात्मक सत्र भी होंगे। इस पाठ्यक्रम में मूल्यांकन, एसाइनमेंट, समूह चर्चा, कक्षा में सहभागिता एवं लिखित परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन किए जा सकेंगे। छात्रों से विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार शुल्क लिए जाएंगे।

    वरिष्ठ शिक्षकों पर पाठ्यक्रम पूरा कराने की जिम्मेदारी

    यूजीसी के नियम से नए शिक्षकों को राहत मिल जाएगी, वहीं वरिष्ठ शिक्षकों पर प्री-पीएचडी पाठ्यक्रम पूरा करने की जिम्मेदारी होगी। पीएचडी में पंजीकरण से पहले शोध छात्रों को छह माह तक पढ़ाई कर प्री-पीएचडी का पाठ्यक्रम पूरा करना होता है।

    शोध के लिए कारगर होगा यह नियम

    दीनदयाल उपाध्‍याय के प्रति कुलपति प्रो.हरी शरण का कहना है कि गुणवत्तायुक्त शोध के लिए यूजीसी का नियम कारगर साबित होगा। इसका हर हाल में पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। विश्वविद्यालय में वरिष्ठ शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है, जो आसानी से इस कार्य में अपना पूर्ण योगदान देंगे।