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    सावधान! कहीं आप तो नहीं पी रहे जहरीली चाय की पत्ती, जांच में मिली जूते का पाॅलिश; आप भी कर सकते हैं पहचान

    Updated: Thu, 27 Feb 2025 01:06 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां चाय की पत्ती में जूते की पॉलिश मिलाने का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि नौसढ़ में जब्त चाय की पत्ती में जूते को चमकाने वाला पालिश मिलाया गया था। इस मिलावट से कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

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    गोरखपुर में जहरीली चायपत्ती मिलने से हड़कंप। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नौसढ़ में जब्त चाय की पत्ती में जूते को चमकाने वाला पाॅलिश मिलाने की पुष्टि हुई है। 24 जनवरी को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने नौसढ़ में ट्रांसपोर्ट के गोदाम में छापा मारा था। चाय की पत्ती सिलीगुड़ी से मंगाई गई थी। टीम ने 180 क्विंटल चाय की पत्ती और सात सौ किलोग्राम केमिकल जब्त करने के बाद जांच के लिए नमूना भेजा था। अब मिली रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि हुई है।

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    पाॅलिश अखाद्य मिला और इसके खाने से कैंसर के साथ ही कई बार के रोग हो सकते हैं। चाय की पत्ती व केमिकल का मूल्य 23 लाख 40 हजार रुपये बताया जा रहा है। विभाग ने गोदाम संचालक के खिलाफ वाद दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि नौसढ़ में सिलीगुड़ी की ट्रांसपाेर्ट कंपनी डीएचटीसी के गोदाम में मिलावटी चाय की पत्ती की बड़ी खेप पहुंची है। इसके बाद 24 जनवरी को छापा मारा गया था।

    सिलीगुड़ी की बताई जा रही चायपत्ती। जागरण


    चाय की पत्ती के साथ जूट के बोरे में छोटे दाने की चाय की पत्ती की तरह का कुछ पदार्थ दिखा। टीम ने इसे ठंडे पानी में डाला तो रंग लाल हो गया। इसके बाद गहनता से जांच की गई। पता चला कि छोटे दाने वाला केमिकल जूता पाॅलिश करने के काम में इस्तेमाल होता है। इसे चाय की पत्ती में मिलाया जाता था। इससे चाय का रंग बहुत अच्छा हो जाता था।

    चाय की हरी पत्ती 250 रुपये किलो, चाय की पत्ती 100 रुपये

    चाय की हरी पत्ती की कीमत 240-250 रुपये है। मिलावट के बाद यही चाय सौ से दो सौ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जाती थी। पड़ताल में पता चला कि मिलावटखोर सस्ती चाय की पत्ती में केमिकल मिलाकर कम दर पर बेचते थे।

    चमड़े को पाॅलिश करने में इस्तेमाल

    चाय की पत्ती में जो केमिकल मिलाया जा रहा था उसके बोरे पर इसके चमड़े को पाॅलिश करने में इस्तेमाल की बात लिखी मिली। बोरे पर इसके अखाद्य होने की भी सूचना दर्ज है। इसका इस्तेमाल चमड़े को पाॅलिश करने में किया जाता है।

    ऐसे पहचानें मिलावटी चाय की पत्ती

    शीशे की गिलास लें। इसमें आधा गिलास ठंडा पानी रखें। इस पानी में एक चम्मच चाय की पत्ती डालें। यदि पानी का रंग लाल हो जाता है तो चाय की पत्ती में मिलावट है। शुद्ध चाय की पत्ती ठंडे पानी में रंग नहीं छोड़ती। यह सिर्फ गर्म पानी में ही अपना रंग छोड़ती है।

    चाय की पत्ती में केमिकल मिलाकर बेचने की पुष्टि हुई है। इस चाय को ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर खपाया जा रहा था। सिलीगुड़ी से केमिकल और चाय की पत्ती मंगाई जा रही थी। खुली चाय की पत्ती बेचने वालों की जांच की जा रही है। -डा. सुधीर कुमार सिंह, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन

    घर पर ही चायपत्ती की कर सकते हैं पहचान। जागरण


    यह हो सकता है

    जूता पाॅलिश के धुएं के संपर्क में आने से त्वचा, आंखें और गले में जलन हो सकती है। निगलने या आंखों के सीधे संपर्क में आने पर जहर नियंत्रण की आवश्यकता हो सकती है। जूता पालिश या जूता उत्पादन के दौरान लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर, मुख्य रूप से नाक और नाक के साइनस का जोखिम बढ़ जाता है।