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पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सैर कर सकेंगे गन्ना किसान, जानें क्या है व्यवस्था

गन्ना उत्पादन की बेहतर विधि की जानकारी के लिए गन्ना विभाग किसानों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सैर कराएगा। यहां के किसान वहां गन्ना भी देखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 07:15 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:15 AM (IST)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सैर कर सकेंगे गन्ना किसान, जानें क्या है व्यवस्था
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सैर कर सकेंगे गन्ना किसान, जानें क्या है व्यवस्था

गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती व गोरखपुर मंडल के गन्ना किसान उत्पादन में बढ़ोत्तरी का गुर सीखने पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाएंगे। उप्र गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र 20 फरवरी से किसानों को 'गन्ना धाम' की यात्रा पर ले जा रहा है। यात्रा 28 फरवरी को समाप्त होगी। गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त ने बताया कि किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व मेरठ की आधुनिक चीनी मिलों को वह देख सकेंगे। इसके अलावा वहां के किसानों के खेत भी देखेंगे। ताकि उसी तरह का उत्पादन कर सकें।

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पश्चिमी यूपी में ज्यादा होती है गन्ने की पैदावार

पूर्वाचल की अपेक्षा पश्चिमी यूपी के किसान ज्यादा गन्ना पैदा करते हैं। इसका मुख्य कारण किसानों का जागरूक होना है। गोरखपुर मंडल में सर्वाधिक पैदावार कुशीनगर में होती है। कुशीनगर में औसत पैदावार 735 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जबकि गोरखपुर में 650 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। महराजगंज में 658 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व देवरिया में 646 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार होती है। बस्ती की औसत पैदावार 660 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। पश्चिमी यूपी में मेरठ 953 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का औसत उत्पादन करता है। शामली 929 क्विंटल और बिजनौर 866 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन करता है।

इन जगहों पर जाएंगे गन्ना किसान

गन्ना किसान अपनी यात्रा की शुरुआत में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ जाएंगे। इसके बाद उप्र गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर व गन्ना शोध संस्थान मुजफ्फरनगर में गन्ना प्रजातियों व बुवाई की विधियों को देखेंगे। संतुलित उर्वरकों का प्रयोग, गन्ने के साथ सहफसली खेती, गन्ना फसल सुरक्षा, ट्रेंच विधि से गन्ने की खेती पर भी वैज्ञानिकों द्वारा जानकारियां दी जाएंगी।


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