गोरखपुर को स्मार्ट सिटी का तमगा, दावा 34 हजार स्ट्रीट लाइट जमाने का और शहर की अधिकांश सड़कों पर अंधेरा
स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद भी गोरखपुर में स्ट्रीट लाइट की दशा बहुत खराब है। नगर निगम का दावा है कि शहर में 34 हजार स्टूीट लाइट जल रही हैं लेकिन शहर की अधिकांश सड़कों पर अंधेरा है।

गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल महानगर की सड़कें शाम होते ही अंधेरे में डूब जा रही हैं। गली-मोहल्लों की कौन कहे प्रमुख बाजारों और रास्तों पर ही स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। महानगर में हो रहे विकास कार्यों के बीच रात में सड़कों पर अंधेरा नागरिकों को हैरान करता है। जब तक बिजली निगम ने अंडरग्राउंड केबल से आपूर्ति नहीं शुरू की थी तब तक तो सड़कों पर उजाला था, जैसे ही बिजली निगम ने अपना पोल हटाया स्ट्रीट लाइटें भी उतर गईं। नागरिक और पार्षद लगातार स्ट्रीट लाइट लगवाने का अनुरोध कर रहे हैं लेकिन हो कुछ नहीं रहा है। दैनिक जागरण ने सोमवार रात महानगर के कुछ प्रमुख इलाकों में स्ट्रीट लाइट जलने की पड़ताल की।
बिजली निगम अपना पोल ले गया, तब से हैं अंधेरा
स्ट्रीट लाइट कम लगाने का खेल भले ही नगर निगम ने उजागर कर दिया हो लेकिन सड़कों पर उजाला करने में पूरी व्यवस्था फेल साबित हो रही है। महानगर में 34 हजार 614 स्ट्रीट लाइट लगाने का दावा किया गया है लेकिन सड़कों पर अंधेरा दावे को कटघरे में खड़ा कर रहा है। बिजली निगम ने महानगर के प्रमुख इलाकों में अंडरग्राउंड केबल से आपूर्ति शुरू कर दी है। जब तक अंडरग्राउंड केबल से आपूर्ति नहीं होती थी, बिजली निगम जगह-जगह पोल पर तार बिछाकर आपूर्ति देता था। इसी पोल पर नगर निगम की स्ट्रीट लाइट लगती थी। नागरिकों को बिजली के साथ ही प्रकाश भी मिलता था। स्ट्रीट लाइट जलने के एवज में नगर निगम बिजली निगम को भुगतान भी करता था। प्रमुख बाजारों में अंडरग्राउंड केबल से आपूर्ति शुरू हुई तो बिजली निगम ने अपने पोल हटा दिए। पोल हटने के साथ ही स्ट्रीट लाइटें भी उतार ली गईं। इसके बाद से नगर निगम ने न तो पोल लगाया और न ही स्ट्रीट लाइट।
45 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट का था दावा
नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट लगाने का जिम्मा भारत सरकार की कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को दिया है। ईईएसएल ने पिछले साल महानगर में 45 हजार 794 स्ट्रीट लाइट लगाने का दावा किया था। नगर आयुक्त अविनाश सिंह के निर्देश पर उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल ने गिनती कराई तो सिर्फ 34 हजार 614 लाइट मिलीं।
इन प्रमुख स्थानों पर स्ट्रीट लाइट नहीं
कचहरी चौराहा से गणेश चौराहा होते हुए काली मंदिर से यातायात चौराहा तक
यातायात चौराहे से रेलवे सीएमई गेट तक
मालकिन होटल से पुलिस लाइन कालोनी से कार्मल स्कूल तक
डा. अब्बासी रोड
गणेश चौक से सिटी माल से वीर बहादुर सिंह प्रतिमा होते हुए, पोस्ट आफिस तक
विधायक फतेह बहादुर सिंह की गली
महाराणा प्रताप चौराहा से बस स्टैंड, यूनिवर्सिटी चौक तक
पुलिस ग्राउंड से पुलिस कालोनी एवं स्टेडियम कालोनी तक
बिस्मिल पार्क रोड पर
एसपी सिटी आवास से एमपी इंटर गल्र्स कालेज, लोक निर्माण विभाग कालोनी, आरटीओ रोड, एचपी स्कूल रोड
हरिओम नगर तिराहा से डीएम आवास, गोकुल अतिथि भवन
छात्रसंघ चौक से आंबेडकर चौक तक
महाराणा प्रताप इंटर कालेज से कचहरी चौक एवं शास्त्री चौक से आंबेडकर चौक तक
जिला जज परिसर से आंबेडकर चौक तक
डीआईजी परिसर एवं मझौली चौक से छात्रसंघ चौक तक
बेतियाहाता चौक से शास्त्री चौक तक
रीड साहब धर्मशाला, नगर निगम अधिकारी परिसर एवं बजाज पार्क
शास्त्री चौक से कचहरी चौक तक
वन विभाग कालोनी एवं महाराणा प्रताप शिक्षा गली में
भालोटिया मार्केट में, खोवा मंडी में आदि।
जीडीए की व्यवस्था भी हुई फेल
स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था में न सिर्फ नगर निगम बल्कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) भी फेल हो गया है। धर्मशाला बाजार से बरगदवा चौराहे तक लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई अर्नामेंटल स्ट्रीट लाइट 20 दिनों से जली ही नहीं। नागरिक कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बिजली निगम ने जिन स्थानों से पोल हटाया है वहां नया पोल लगाकर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। इस पर काम चल रहा है। महानगर में 34 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट जल रही है। जिन स्थानों पर स्ट्रीट लाइट खराब है वहां के नागरिक ईईएसएल के टोल फ्री नंबर 18001803580 पर जरूर शिकायत दर्ज कराएं। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।

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