मालदीव में फंसे तीन युवक, परिजनों ने सीएम योगी से लगाई मदद की गुहार
गोरखपुर के तीन युवक, जिन्हें एजेंट ने विदेश में नौकरी का लालच देकर मालदीव भेजा था, वहां फंस गए हैं। उन्हें एक सुनसान टापू पर छोड़ दिया गया है, जहाँ उन्हें न तो वेतन मिल रहा है और न ही कोई सुविधा। भूख और डर से परेशान युवकों ने वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिवार से मदद मांगी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्वदेश वापसी की गुहार लगाई है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विदेश में अच्छी नौकरी का सपना दिखाकर एजेंट ने तीन युवकों को मालदीव भेजा। वहां पहुंचने के बाद युवकों का सपना टूट गया। भूख व भय के बीच जी रहे पीड़ित युवकों ने स्वजन को वीडियो काल करके अपनी पीड़ा सुनाने के साथ ही स्वदेश लाने की गुहार लगाई है। स्वजन व गांव के रहने वाले सहपाठी ने जनता दर्शन में मुख्यमंत्री को प्रार्थनापत्र देकर मदद मांगी है।
बेलघाट के समहुतापुर निवासी रामचंद्र साहनी, प्रेमचंद्र साहनी व शाहपुर गांव के हरिनारायण को ट्रांसपोर्टनगर के पास रहने वाले एजेंट ने मालदीव में अच्छा वेतन, रहने और खाने की सुविधा दिलाने का भरोसा दिया था। आठ अक्टूबर को एजेंट ने तीनों को मालदीव भेज दिया। लेकिन, वहां पहुंचने पर वे सीधे एक अलग-थलग पड़े टापू पर छोड़ दिए गए।
कुछ दिनों तक इंतजार करने के बाद जब न वेतन मिला और न कोई संपर्क हुआ, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगे गए हैं। युवकों ने कई बार एजेंट को काल किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद बता रहा रहा।
निराश होकर उन्होंने अपने स्वजन के साथ ही गांव के रहने वाले सहपाठी मदन मुरारी शुक्ला को वाट्सएप के जरिए वीडियो संदेश भेजा है। वीडियो में तीनों युवक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्वदेश बुलाने की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि हमें मालदीव में फंसा दिया गया है।हमें भारत वापस लाने की कृपा करें। हमारा एजेंट अब कोई बात नहीं कर रहा।

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