सोना तस्करी नेटवर्क की जांच तेज, थाईलैंड में अपराध कर गोरखपुर में छिपे अपराधी; तलाश में STF
एसटीएफ सोना तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की जाँच कर रही है, जिसमें गोरखपुर एक बड़ा ठिकाना पाया गया है। थाईलैंड से लौटे एक युवक को हिरासत में लिया गया, फिर छोड़ दिया गया। जाँच में पता चला कि थाईलैंड में अपराध करने वाले कुछ लोग गोरखपुर में छिपे हैं। कई संदिग्धों के पास एक से अधिक पासपोर्ट मिले हैं और उनके बैंक खातों में संदिग्ध विदेशी लेन-देन का रिकॉर्ड मिला है, जिसकी जाँच जारी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सोना तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की जांच में जुटी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अब गोरखपुर को एक बड़े ठिकाने के रूप में चिह्नित किया है। शनिवार को कौड़ीराम क्षेत्र के एक युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जो हाल ही में थाईलैंड से लौटा था, हालांकि पूछताछ के बाद देर रात उसे छोड़ दिया गया। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पासपोर्ट, बैंक ट्रांजेक्शन और हवाला कनेक्शन की गहन जांच की जा रही है।
एसटीएफ जांच में स्पष्ट संकेत मिले हैं कि कुछ ऐसे व्यक्ति जो पहले थाईलैंड में आर्थिक या आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे, वे हाल ही में गोरखपुर लौट कर यहां छिपे हुए हैं। शनिवार दोपहर कौड़ीराम-परसापार क्षेत्र में एक युवक को हिरासत में लिया गया, जो हाल में बैंकाक से लौटा था।
प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे छोड़ा गया, लेकिन एजेंसी ने उसकी यात्रा-डिटेल व संपर्कों की कड़ी को देखा। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक कई संदिग्ध चिह्नित हुए हैं, जिनके पास एक से अधिक पासपोर्ट मिले हैं। उन्होंने पासपोर्ट का इस्तेमाल विदेश यात्रा के लिए किया।
इसी कड़ी में कुछ लोगों के बैंक खातों में विदेशी लेन-देन का भी रिकार्ड मिला है, जिसे हवाला नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है। एसटीएफ अब उन खातों और डिजिटल वालेट एड्रेस की पड़ताल कर रही है, जिनमें संदिग्ध विदेशी लेन-देन की जानकारी मिली है।
पासपोर्ट कार्यालय और इमिग्रेशन से रिकार्ड को क्रास-वेरिफाई किया जा रहा है। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कई ठिकानों पर सर्विलांस बढ़ाई गई है। संदिग्ध की लोकेशन-ट्रेसिंग के लिए तकनीकी टीमों को लगाया गया है।
परिवार ने कहा-तस्कर ने दी झूठी सूचना
कौड़ीराम के जिस युवक को हिरासत में लिया गया था उसके स्वजन ने तस्करी में पकड़े गए युवक पर झूठी सूचना देने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि एसटीएफ को जानकारी देने वाले युवक को अमेरिका की जांच एजेंसी ने पिछले वर्ष पकड़ा था। उसी ने एसटीएफ को गुमराह किया है।

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