Gorakhpur News : जेल भेजे गए गीडा के तीन तस्कर, एक-एक लाख के इनामी मन्नू और जुबैर की तलाश तेज
गोरखपुर में एसटीएफ ने महुआचाफी कांड और दीपक गुप्ता हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। टीम ने मामले से जुड़े दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं और तीन गीडा के तस्करों को जेल भेज दिया गया है जो गिरोह के स्थानीय हैंडलर थे। गोपालगंज के एक तस्कर से बरामद मोबाइल से पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर । पिपराइच के महुआचाफी कांड और छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के मामले की जांच एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने संभाल ली है। शुक्रवार को एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह ने अपनी टीम के साथ केस से जुड़े सभी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए और विवेचना शुरू कर दी। शुरुआती कार्रवाई में एसटीएफ ने पकड़े गए तीनों तस्करों को कोर्ट में पेश किया जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
पकडे गए तीनों तस्कर गीडा इलाके के रहने वाले हैं, जो गिरोह के लोकल हैंडलर बताए जा रहे हैं। इनमें राजू उर्फ महिपाल उर्फ गोलई, छोटू पुत्र रामानंद निवासी डबहिया नौसढ़ और रामलाल निवासी नौसढ़ शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि ये तस्करों को रास्ता बताते थे, पुलिस की चेकिंग की सूचना देते थे और पिकअप में बैठे गैंग को भागने का सुरक्षित रास्ता दिखाते थे।घटना की रात ग्रामीणों ने गोपालगंज के तस्कर अजहर हुसैन को पकड़ा था। जिसके कब्जे से मोबाइल फोन बरामद किया था।
इसी मोबाइल फोन और अजहर से पूछताछ ने पुलिस को पूरे गिरोह का नेटवर्क पकड़ने में मदद की।जांच में सामने आया कि बिहार के गोपालगंज का मन्नू सेठ और रामपुर कोतवाली क्षेत्र के घेर मरदान का जुबैर इस गैंग के सरगना हैं। दोनों पर एडीजी जोन ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। यही दोनों पूरे तस्करी नेटवर्क को लीड करते हैं और वारदात की योजना बनाते हैं।
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