दान ली संपत्ति दूसरे को देना आसान नहीं, स्टांप शुल्क में नहीं मिलेगी छूट; पूरा फीस देकर कराना होगा बैनामा
शासन द्वारा दी गई दान विलेख की व्यवस्था में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। पिछली व्यवस्था में दान लेकर दान करने के कई मामले सामने आए थे जिसकी शिकायत हुई थी। ऐसे में इस बार एक प्रविधान किया गया है कि पिछले पांच साल में यदि किसी ने संपत्ति दान ली है तो वह किसी और को दान नहीं दे सकेगा। उसे स्टांप शुल्क में छूट नहीं मिलेगी।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अपने रिश्तेदारों को संपत्ति दान करने के लिए शासन की ओर से एक बार फिर दान विलेख की सुविधा दी गई है, लेकिन पिछली बार लोगों द्वारा किए गए दुरुपयोग के चलते कई नए प्रविधान जोड़े गए हैं। दान लेकर दान देने के कई मामले सामने आने के बाद इस बार एक प्रविधान किया गया है कि पिछले पांच साल में यदि किसी ने संपत्ति दान ली है तो वह किसी और को दान नहीं दे सकेगा। उसे दान विलेख के जरिए स्टांप शुल्क में छूट नहीं मिलेगी बल्कि पूरा शुल्क देकर बैनामा कराना होगा।
यह है मामला
पिछली बार छह महीने के लिए सरकार ने दान विलेख की छूट दी थी। इसके तहत एक प्रतिशत पंजीकरण धनराशि एवं पांच हजार रुपये और देकर बैनामा किया जा सकता था। कई लोगों ने कुछ दिन के भीतर ही कई बार दान किया। पहले किसी और से दान लिया, उसके बाद दूसरे को दान कर दिया। दान पाने वाले व्यक्ति ने किसी और को दान कर दिया। ऐसे में विभाग को राजस्व का काफी नुकसान हुआ।
इस दुरुपयोग को रोकने के लिए इस बार ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसमें पांच साल के भीतर दान लेने वाला व्यक्ति दूसरे को दान नहीं दे सकेगा। इसके साथ ही एक और नई व्यवस्था की गई है, जिसके तहत कोई व्यक्ति अपने सगे भाई की मृत्यु हो जाने पर उसकी पत्नी को संपत्ति दान कर सकेगा।
इन रिश्तों में मिलेगी दान विलेख के तहत छूट
दान विलेख के तहत सरकार ने रिश्तेदारों को संपत्ति दान करने के लिए परिवार में माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), दामाद (पुत्री का पति), सगा भाई, सगी बहन, पुत्र/पुत्री के बच्चे एवं दिवंगत सगे भाई की पत्नी को बैनामा करने पर स्टांप शुल्क में छूट का प्रविधान किया है।
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