Railways News: नई समय सारिणी में शामिल होंगी यह ट्रेनें, समय और ठहराव में होगा बदलाव
रेललाइनों का विद्युतीकरण पूरा हो गया है। लाइनें छोटी से बड़ी हो गई हैं। नई रेललाइनों के अलावा आमान परिवर्तन दोहरीकरण और तीसरी रेल लाइनें भी बिछने लगी हैं। लाइनों के किनारे बाड़ लगाए जा रहे हैं। गति बढ़ाने के लिए आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल लगा रहे रहे हैं। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे स्तर पर ट्रैक क्षमता बढ़ी है। जिससे ट्रेनों के समय में सुधार हो सकता है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे की नई समय सारिणी में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर सहित भारतीय रेलवे के विभिन्न रूटों पर चलने वाली नई वंदे भारत, स्लीपर वंदे भारत, अमृत भारत और नई एक्सप्रेस और प्रमुख स्पेशल ट्रेनें भी शामिल होंगी। साथ ही ट्रेनों के समय और ठहराव में भी सुधार होगा।
इसके लिए रेल मंत्रालय, बोर्ड और जोनल स्तर पर ट्रेनों के समय और ठहराव आदि की समीक्षा होगी। समीक्षा के लिए रेलवे बोर्ड ने एक जुलाई 2024 से लागू होने वाली रेलवे की नई समय सारिणी को स्थगित कर दिया है। शुक्रवार को बोर्ड ने इस आशय का दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया। अब एक दिसंबर 2024 से भारतीय रेलवे स्तर पर नई समय सारिणी लागू हो सकती है।
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आलम यह है कि प्रमुख ट्रेनें आज भी दस वर्ष पहले जारी समय के आधार पर चल रही हैं। फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने नई ट्रेनों को समय सारिणी में शामिल करने व समय में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कई ट्रेनों का बदलेगा समय
समय सारिणी में प्रस्तावित वंदे भारत, अमृत भारत के अलावा सामान्य एक्सप्रेस और स्पेशल ट्रेनों के अलावा पहले से चल रही गोमतीनगर-गोड्डा सहित कैंट से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनें भी शामिल हो जाएंगी। जानकारों के अनुसार जयपुर में 10 से 12 अप्रैल तक आयोजित इंडियन रेलवे टाइम टेबल कमेटी की बैठक में गोरखपुर से दिल्ली, आगरा और प्रयागराज सहित सात वंदे भारत और दो अमृत भारत के अलावा 17 नई एक्सप्रेस ट्रेनों के प्रस्ताव पर मंथन हुआ है।
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12 ट्रेनों के मार्ग विस्तार तथा 12 ट्रेनों के फेरे बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई है। इन प्रस्तावों पर मुहर लगते ही प्रस्तावित ट्रेनें नई समय सारिणी में शामिल हो जाएंगी। बोर्ड का कहना है कि नियमित चलने वाली प्रमुख स्पेशल ट्रेनों को भी निर्धारित टाइम टेबल से संचालित किया जाए।
कोरोना काल में टूटी थी परंपरा
रेलवे में प्रत्येक वर्ष एक जुलाई से नई समय सारिणी लागू करने की परंपरा है, लेकिन कोरोना काल के बाद परंपरा के अनुसार समय सारिणी लागू नहीं हो पा रही। पिछले वर्ष एक अक्टूबर को लागू हुई थी।

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