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    गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास में फायरिंग व आगजनी मामले में दो वार्डेन व तीन अधीक्षकों को कारण बताओ नोटिस

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 08:46 AM (IST)

    DDU Gorakhpur University के छात्रावास में फायरिंग और आगजनी के मामले में दो वार्डेन व तीन अधीक्षकों को नोटिस जारी की गई है। साथ ही विश्वविद्यालय मुख्य ...और पढ़ें

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    गोरखपुर विश्वविद्यालय का मुख्य प्रवेश द्वार। - फाइल फोटो

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत छात्रावास व संत कबीर छात्रावास में बुधवार की रात हुई फायरिंग व आगजनी के मामले में विवि प्रशासन ने दोनों छात्रावासों के वार्डेन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही संत कबीर छात्रावास के तीन अधीक्षकों को भी नोटिस जारी किए जाने की खबर है। तीन दिन में उनसे आख्या मांगी गई है। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में ऐहतियातन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।   

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    घटना की आख्या मांगी गई

    नोटिस 18 अगस्त को जारी किया गया है लेकिन छुट्टी के कारण 19 को रिसीव नहीं कराया जा सका। नोटिस में घटना को लेकर संबंधित से आख्या मांगी गई है। उनसे यह भी पूछा गया है कि जब छात्रावास के कमरे खाली थे तो उन्हें दूसरे छात्रों को आवंटित क्यों नहीं किया गया। यही नहीं उसमें अवैध रूप से लड़के कैसे रह रहे थे। एनसी छात्रावास के वार्डेन प्रो. शिवाकांत सिंह चीफ वार्डेन भी हैं।

    विश्वविद्यालय में प्रवेश को लेकर बढ़ी सख्ती

    उधर छात्रावास मामले में शनिवार को विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर प्रवेश के लिए सख्ती बढ़ा दी गई है। प्रभारी मुख्य नियंता प्रो. शिवाकांत सिंह के नेतृत्व में नियंता मंडल के सदस्य और गार्ड वहां आने-जाने वालों पर नजर बनाए रहे। संदेह होने पर वाहन सवार किसी को रोक दिया जा रहा था। पूछताछ के बाद संतुष्ट होने पर ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही थी।

    महिला छात्रावास की वार्डेन को भी नोटिस

    रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास की वार्डेन को भी नोटिस जारी किया गया है। कुलसचिव के अनुसार छात्राओं का नवीनीकरण समय से न कराए जाने के कारण उन्हें नोटिस जारी किया गया है।

    एनसी के खाली कमरों में विवि प्रशासन का ताला

    एनसी छात्रावास के खाली हुए कमरों में शनिवार को दिन में ताला जड़ दिया गया। कुछ छात्रावासी पहले से ही अपने घर गए हुए हैं, इसलिए उनके कमरों में ताला नहीं जड़ा गया है। विवि से जुड़े सूत्रों के अनुसार छात्रावासी अपना सामान लेकर जाएंगे, उसके बाद उसमें ताला जड़ा जाएगा। कोई भी रहने के लिए न आने पाए, इसके लिए वहां की बिजली-पानी काट दी गई है। कैंप कर रहे पीएसी जवानों के लिए अलग से बिजली की आपूर्ति दी जा रही है।

    भोजन को लेकर सांसत में छात्र

    एनसी छात्रावास खाली कराने के बाद वहां के चार दर्जन से अधिक छात्रों को नवनिर्मित स्व.राम प्रताप शुक्ल छात्रावास में शिफ्ट किया गया है। नया होने के कारण वहां मेस की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। वहां कुछ दिनों से रह रहे छात्रावासियों कन्हैया, शशांक, आयुष, पीयूष, धर्मराज, रामदयाल के अनुसार विवि प्रशासन उन्हें न मेस का भोजन दे रहा है और न ही वहां भोजन बनाने की अनुमति दे रहा है। ऐसे में छात्र रेलवे स्टेशन जाकर होटल का खाना खाने को मजबूर हैं। छात्रों ने कमरों में लाइट और पंखे भी खराब होने को लेकर भी नाराजगी जताई। उनका आरोप था कि विवि प्रशासन की उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है।

    छात्रावास में गोली चलने व आगजनी वाले मामले में नाथ चंद्रावत व संत कबीर छात्रावास के तीन वार्डेन व तीन अधीक्षक समेत छह को नाेटिस दिया गया है। उनसे पूछा गया है कि जिस कमरे में आगजनी व तोड़फोड़ हुई है यदि वह कमरे आवंटित नहीं थे उसमें कैसे अवैध रूप से लग रह रहे थे। स्पष्टीकरण के लिए उन्हें तीन दिनों का समय दिया गया है। - विश्वेवर प्रसाद, कुलसचिव, गोवि।