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गोरखपुर-नरकटियागंज व अयोध्या रूट पर भी ट्रेन चलाने की तैयारी, सात ट्रेनों को मिली हरी झंडी

रेलवे बोर्ड ने सात और पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दे दी है। जिसमें बलिया-शाहगंज बनारस-प्रयागराज डालीगंज-सीतापुर सहित इज्जतनगर मंडल में चलने वाली सात ट्रेनें शामिल हैं। अभी गोरखपुर-सीतापुर सहित गोरखपुर से नौ पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 08:43 AM (IST)
गोरखपुर-नरकटियागंज व अयोध्या रूट पर भी ट्रेन चलाने की तैयारी, सात ट्रेनों को मिली हरी झंडी
रेलवे ने गोरखपुर से चलने वाली सात ट्रेनों को हरी झंडी दे दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur-Narkatiaganj Railway Route: त्योहारों में पूर्वोत्तर रेलवे के लोकल रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाडिय़ां) की संख्या बढ़ जाएगी। दशहरा और दीपावली तक विभिन्न रूटों पर पहले से निरस्त चल रहीं लगभग सभी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। छठ पर्व पर यात्रियों को राहत मिलेगी। फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने सात और पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दे दी है। जिसमें बलिया-शाहगंज, बनारस-प्रयागराज, डालीगंज-सीतापुर सहित इज्जतनगर मंडल में चलने वाली सात ट्रेनें शामिल हैं।

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गोरखपुर-अयोध्या पैसेंजर के लिए प्रस्ताव तैयार

जानकारों के अनुसार गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर भी यात्रियों की संख्या बढऩे लगी है। ऐसे में जल्द ही इस रूट की पैसेंजर ट्रेन को फिर से चलाने का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया जाएगा। गोरखपुर-अयोध्या पैसेंजर के लिए पहले से ही प्रस्ताव तैयार है। यह दोनों ट्रेनें भी दीपावली तक चलने लगेंगी।

अभी गोरखपुर-सीतापुर सहित गोरखपुर से नौ पैसेंजर ट्रेनें चल रही

फिलहाल, गोरखपुर-सीतापुर सहित गोरखपुर से नौ पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। हालांकि, एक्सप्रेस की अपेक्षा पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों की संख्या काफी कम है। एक तो गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लगते हैं, ऊपर से पैसेंजर में भी एक्सप्रेस का किराया (15 की जगह 30 रुपये) देना पड़ रहा है। जबकि, यात्री सुविधाओं का टोटा है।

दशहरा से दीपावली तक समस्त रूटों पर चलने लगेंगी लगभग सभी पूर्व निर्धारित पैसेंजर ट्रेनें

फिलहाल, लगभग सभी एक्सप्रेस ट्रेनों को स्पेशल के रूप में चलाने के बाद रेलवे प्रशासन ने धीरे-धीरे पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाडिय़ों) को भी संचालित करने की योजना बना ली है। इसके लिए यार्डों में खड़े कोचों की मरम्मत युद्ध स्तर पर शुरू हो गई है। मांग के आधार पर ट्रेनों का प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा जा रहा है। बोर्ड की अनुमति के बाद पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता रहेगा। यहां जान लें कि गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से 64 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं।


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