तस्वीरों में देखें, कैसे बदल रही सीएम सिटी गोरखपुर की सूरत Gorakhpur News
समय के साथ गोरखपुर की पहचान भी बदल रही है। तस्वीरों देखें बदलता गोरखपुर..
प्रदीप श्रीवास्तव, गोरखपुर। समय के साथ गोरखपुर की पहचान भी बदल रही है। शहर में प्रतिदिन भीषण जाम, अंतिम सांसे लेता एकलौता मेडिकल कालेज, गंदे तालाब में तब्दील होता शहर से सटा दो हजार एकड़ का विशाल रामगढ़ ताल, बंद खाद कारखाना और इस कारखाना को खुलवाने और मेडिकल कालेज को बंद होने से बचाने की लिए शहर की लोगों की छटपटाहट अब अपना रूप बदल चुकी है।
दस साल पहले तक खाद कारखाना को चालू करवाने और मेडिकल कालेज को बंदी से बचाने के लिए शहर में आए दिन आंदोलन होते थे। खाद कारखना का चालू होना, मेडिकल कालेज का कायाकल्प, गोरखपुर में एम्स बनना, शहर से होकर तीन-तीन फोर लेन का गुजरना और रामगढ़ ताल का जुहू चौपाटी तक तरह विकसित होना शहर के लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं है।
रामगढ़ ताल
जिस रामगढ़ताल क्षेत्र को शहर के सबसे उपेक्षित क्षेत्रों में गिना जाता था, वह महानगर के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। इस क्षेत्र को कोई जुहू चौपाटी कहने लगा है तो कोई शहर का दिल। समूचा ताल क्षेत्र ऐसा बदल चुका है कि न केवल शहर बल्कि आसपास के जिलों से आए लोग भी यहां आकर खुद को तरोताजा करते हैं।
रामगढ़ ताल को और भी सुंदर क्षेत्र बनाने में एक कड़ी और जुड़ गई है। एक तरफ नया सवेरा पर प्रदेश का सबसे उंचा झंडा लहराएगा तो वहीं दूसरे छोर जेट्टी पर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। इससे पर्यटक गोरखपुर की यादों को भी अपनी सेल्फी में समेट सकेंगे। तस्वीरें ऐसी आएंगी जिसमें प्यार तो जरूर झलकेगा। भाई, इसकी बनावट ही ऐसी है। इस सेल्फी प्वाइंट को 'आई लव गोरखपुर' का नाम दिया गया है।
सबसे ऊंचा तिरंगा
गोरखपुर का दिल कहे जाने वाले रामगढ़ ताल को और भी खूबसरत बनाने में एक कड़ी और जुड़ गई। एक तरफ नया सवेरा पर प्रदेश का सबसे ऊंचा झंडा लहराएगा वहीं दूसरे छोर जेट्टी पर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। इससे पर्यटक गोरखपुर की यादों को भी अपनी सेल्फी में समेट सकेंगे। सेल्फी प्वाइंट को आई लव गोरखपुर का नाम दिया गया है।
एम्स
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गोरखपुर में एम्स की स्थापना किसी की भी कल्पना से परे था। सभी का फोकस बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज पर था कि मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के रिक्त पद भर दिए जाएं ताकि मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) मेडिकल कालेज की मान्यता रद न कर दे।
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर की चुनावी सभा में नया खाद कारखाना और एम्स बनवाने की घोषणा की तो अधिकांश लोगों ने उसे चुनावी भाषण समझा लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव के खाद कारखाना बनना और एम्स में मरीजों का इलाज शुरू हो गया।
और भी बहुत कुछ..
पिछले कुछ सालों में शहर के विकास को लेकर कई ऐसे कार्य हुए हैं जिस पर गर्व किया जा सकता है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक को विश्व का सबसे बड़ा प्लेटफार्म होने का दर्ज मिला तो गोरखपुर एयरपोर्ट का भी कायाकल्प हुआ।
एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल बना और गोरखपुर से दिल्ली, कोलकाता के लिए विमान सेवा शुरू हुई। नौसढ़ में नया अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा बनकर लगभग तैयार है और शहर के भीतरी हिस्सों से भी फोरलेन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। लाइट एंड साउंड शो से गोरखनाथ मंदिर का माहौल भी बदला-बदला सा दिखता है।