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    गोरखपुर में कॉलेजों की लापरवाही से अटके 30,205 छात्रवृत्ति आवेदन, CDO ने दी सख्त चेतावनी

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 09:41 PM (IST)

    गोरखपुर में कॉलेजों की लापरवाही के कारण 30,205 छात्रवृत्ति आवेदन अटके हुए हैं, जिससे छात्रों में निराशा है। मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ने इस मामले में ...और पढ़ें

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    शैक्षणिक संस्थानों की लापरवाही से 30,205 छात्रवृत्ति आवेदन अटके।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों के आवेदन पत्र अग्रसारित करने में शैक्षणिक संस्थानों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। अंतिम तिथि 20 दिसंबर तक जनपद के 51,886 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों ने मात्र 21,681 आवेदन ही अग्रसारित किए गए हैं। शेष 30,205 आवेदन पत्र अभी तक लंबित हैं।

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    इस लापरवाही पर जिला स्तरीय छात्रवृत्ति समिति के उपाध्यक्ष एवं मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    उन्होंने निर्देश दिया कि सभी लंबित आवेदन शीघ्र अग्रसारित किए जाएं, ताकि पात्र विद्यार्थियों को समय से छात्रवृत्ति का भुगतान सुनिश्चित हो सके।

    मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं समकक्ष पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थी 11 जुलाई से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर रहे हैं। आवेदन अग्रसारण की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2026 निर्धारित है। इसके बावजूद अनेक संस्थानों की ओर से संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है।

    कम आवेदन अग्रसारित करने वाले संस्थानों की सूची में 67 शिक्षण संस्थान शामिल हैं, हालांकि समीक्षा बैठक में केवल 44 संस्थानों के प्रतिनिधि ही उपस्थित हुए। सूची में बीआरडी मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल है, जहां 736 आवेदनों के सापेक्ष मात्र 52 आवेदन ही अग्रसारित किए गए हैं।

    इसी प्रकार इंदिरा गांधी गर्ल्स डिग्री कालेज, तारामंडल में 218 आवेदनों में से 122 तथा ताहिरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 192 आवेदनों के सापेक्ष एक भी आवेदन अग्रसारित नहीं किया गया है।

    जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षण संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही इस पूरे प्रकरण की पुनः समीक्षा के लिए 28 दिसंबर को दोबारा बैठक आयोजित की जाएगी।