गोरखपुर के ज्ञानकोल गांव पर सरयू का खतरा बरकरार, बगहा सड़क कटने से आवागमन बाधित
बड़हलगंज में सरयू नदी के कटाव से बगहा सड़क और ज्ञानकोल गांव खतरे में हैं। नदी की धारा बदलने से कृषि भूमि और घरों को नुकसान हो रहा है, कई मकान नदी में समा चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार, सिंचाई विभाग कार्ययोजना बना रहा है, लेकिन कटाव जारी है, जिससे सड़क कटने से आवागमन बाधित हो गया है।

संवादसूत्र, बड़हलगंज। सरयू नदी की कटान से बगहा सड़क और ज्ञानकोल गांव पूरी तरह मिटने के कगार पर हैं। नदी की मुख्य धारा अब गांव की ओर बहने लगी है, जिससे कृषि योग्य भूमि के बाद अब घरों पर खतरा मंडरा रहा है।
अब तक गांव के छह लोगों के मकान नदी की धारा में समा चुके हैं। गांव के संतोष यादव का आधा मकान नदी में कट चुका है, वहीं रामजीत यादव के मकान पर भी खतरा बढ़ने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी कार्ययोजना तैयार करने में जुटे हैं। नदी की धारा मोड़कर कटान को रोकने का दावा कर रहे हैं।
मानसून के बाद भी बड़हलगंज क्षेत्र के बगहा और ज्ञानकोल में सरयू नदी की कटान कर रही है। नदी की धारा से मकान बह रहे हैं। सड़कों पर खतरा बढ़ गया है। नदी का पानी अपनी रफ्तार से रामजानकी मार्ग की ओर भी बढ़ रहा है। गांव में बनी सड़क इसकी जद में आ चुकी है।
नदी की कटान से बगहा सड़क का बड़ा हिस्सा बह चुका है, जिससे दियारा क्षेत्र के लोगों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण दीपचंद, सोनू, झब्बू, दीनदयाल, दीनानाथ और सत्येंद्र ने बताया कि सड़क कटने के बाद अब उन्हें समस्या होने लगी है। दोपहिया और चारपहिया वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग के विशेषज्ञों ने कार्ययोजना तैयार की है। जल्द ही नदी की धारा मोड़कर सुरक्षात्मक कार्य कराए जाने का दावा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि जल्द से जल्द कार्ययोजना पर अमल नहीं किया गया तो गांव के बचे हुए हिस्से को बचाना मुश्किल होगा।
सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड के सहायक अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि कटान रोकने के लिए बोरी में गिट्टी भरकर जाली डालने सहित अन्य उपाय दिन-रात किए जा रहे हैं। इसके बावजूद धारा की तीव्र गति के कारण कटान रुक नहीं पा रही है।

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