गोरखपुर में बनेगी हाईटेक नर्सरी, जर्मन मशीन से रोपाई कर उगाएंगे 15 लाख पौधे- अपनाएंगे ये तकनीक
जिले के बेलीपार में एक करोड़ 62 लाख की लागत से हाईटेक नर्सरी बनेगी। यहां उगाए गए पौधों को उद्यान विभाग सस्ते दाम पर किसानों को उपलब्ध कराएगा। इनमें मांग के अनुसार अनार कटहल नींबू आम जैसे फल व सब्जियों की पौध शामिल होंगी।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले के बेलीपार में एक करोड़ की लागत से हाइटेक नर्सरी बनने जा रही है। पौधों के रोपने के लिए जर्मनी निर्मित मशीनें खरीदी गई हैं, जो सब्जियों के बीज की बोआई से लेकर रोपण तक का कार्य करेंगी। यहां पर तैयार पौधे किसानों को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराया जाएगा। उद्यान विभाग के अनुसार तैयार नर्सरी से हर वर्ष 12 से 16 लाख (औसतन 15 लाख) शाक-भाजी, फल, औषधीय आदि पौधों का उत्पादन किया जा सकेगा।
सस्ते दामों पर किसानों को मिलेंगे पौधे
नर्सरियों में नेट हाउस, सिंचाई सुविधा, हाईटेक ग्रीन हाउस आदि अवस्थापना सुविधाए रहेंगी। नर्सरी में तैयार पौधों की बिक्री स्थानीय स्तर पर इच्छुक किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों (एफपीओ) को किया जाएगा। उद्यान विभाग के अनुसार नर्सरी सामुदायिक व व्यक्तिगत भूमि पर भी तैयार की जा सकती है। मनरेगा के तहत नर्सरी में स्वयं सहायता समूह, विलेज आर्गनाइजेशन व क्लस्टर लेवल फेडरेशन के सदस्यों के सामूहिक रूप से व्यवस्थित जमीन (विभाग के तय मानक के अनुसार) पर किया जाएगा। नर्सरी में पौध व उन्नतशील बीज उद्यान विभाग उपलब्ध कराएगा।
इस नर्सरी के लिए उद्यान विभाग के अनुसार एक से चार हेक्टेयर का क्षेत्रफल जरूरी है। जिले में प्रस्तावित हाईटेक नर्सरी के लिए शासन से धन मिलने के बाद उद्यान विभाग ने बेलीपार में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं जंगल डुमरी नंबर एक के लिए अभी धन नहीं आया है।
इजराइली तकनीक से होगा रोपण
हाइटेक नर्सरी का निर्माण उद्यान विभाग की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप इजराइली तकनीक के अनुसार किया जाएगा। नर्सरी का रख-रखाव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्लस्टर लेवल फेडरेशन के माध्यम से होगा। योजना के तहत स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों व आसपास के क्षेत्रों में मांग के अनुसार फल जैसे- अनार, कटहल, नींबू, आम, अमरूद आदि फल व सब्जियों की पौध तैयार की जाएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला उद्यान अधिकारी अरुण तिवारी ने बताया कि बेलीपार में हाईटेक नर्सरी के लिए भूमि चिह्नित की गई है। धन मिलने के बाद काम शुरू हो गया है। पौधों के रोपण और बीजों की बोआई के लिए जर्मनी निर्मित मशीनों को मंगवाया गया है। यहां से तैयार पौधों को किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान अपने खेतों में सब्जी की पैदावर कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

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