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    Sanskarshala: कहीं अपनों से दूर न कर दे सपनों की ये दुनिया, जानें- प्रिंसिपल रीमा श्रीवास्तव के सुझाव

    स्प्रिंगर लोरेटो गर्ल्स स्कूल की प्रधानाचार्य रीमा श्रीवास्तव ने कहा कि इंटरनेट मीडिया आने से पहले भी लोगों की जिंदगी में खुशहाली थी। ऐसे में युवाओं व बच्चों को जरूरत पड़ने पर ही इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए।

    By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 21 Oct 2022 02:43 PM (IST)
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    स्प्रिंगर लोरेटो गर्ल्स स्कूल की प्रधानाचार्य रीमा श्रीवास्तव। -स्वयं

    गोरखपुर। शहर के स्प्रिंगर लोरेटो गर्ल्स स्कूल की प्रधानाचार्य रीमा श्रीवास्तव ने कहा कि इंटरनेट मीडिया का उपयोग आज हर उम्र और आयु वर्ग के लोग कर रहे हैं। बच्चे इसका उपयोग मनोरंजन के लिए, युवा इसका उपयोग ज्ञानवर्धन के लिए, महिलाएं व पुरुष लोगों से संपर्क और अपने रोजगार से जुड़े कार्यों के लिए करते हैं। आज सभी के महत्वपूर्ण कार्यों में मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग इतना बढ़ गया है कि ये जरूरत एक नशे के रूप में परिवर्तित हो गई है। युवा अपने अध्ययन के अतिरिक्त ज्यादा समय अपने मित्रों और इन्फ्लुएंसर को अनुसरण करने में व्यतीत करने लगा है, उसका ध्यान अपने रोल माडल के फैशन और उसके लाइफ स्टाइल पर रहता है।

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    इंटरनेट मीडिया के दिखावेपन की सच्चाई को समझना जरूरी

    रीमा श्रीवास्तव ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के आभासी मित्रों से ज्यादा प्रभावित होकर उनके जैसे ही बनने की कोशिश में रहता है। महिलाएं भी अन्य महिलाओं के फैशन, पार्टी और शानो-शौकत से प्रभावित होकर उनके जैसा ही जीवन जीने की कल्पना करती है जो अवसाद का कारण बनता है। इंटरनेट मीडिया के आभासी दुनिया के इस दिखावेपन की सच्चाई को समझना जरुरी है। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर कहीं ये सपनों जैसी आभासी दुनिया आपको अपनों से दूर न कर दे।

    साकारात्मक विचारों के लिए करें इंटरनेट मीडिया का प्रयोग

    आपके पास जो भी संसाधन है उसमें खुश रहिए, संतुष्ट ना हो तो बेहतर के लिए उत्साह के साथ प्रयास करें। युवा को इंटरनेट मीडिया का प्रयोग सिर्फ अपने ज्ञानवर्धन और साकारात्मक विचारों के लिए और एक सीमित समय के लिए ही करना चाहिए। यदि आप इंटरनेट मीडिया पर नहीं है तो अपने आप को पिछड़ा न समझे। इंटरनेट मीडिया को खबरों का अच्छा स्रोत बनाए न की खुद की खबर वहा प्रचारित करें। अपने अभिभावक, मित्र, रिश्तेदार, बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करें। सबके अनुभव को सुनें। अपनी दिनचर्या माता-पिता को बताएं। अभिभावक भी इस आभासी दुनिया के लाभ हानि को समझे और बच्चों को भी समझाएं।

    इंटरनेट मीडिया से पहले भी खूबसूरत थी जिंदगी

    समय समय पर अपने आस पास के किसी रमणीक स्थान, मंदिर का पर्यटन सपरिवार करें और कोशिश करे इस दौरान इंटरनेट मीडिया से दूर रहें। इंटरनेट मीडिया व सोशल प्लेटफार्म के आने से पहले भी जिंदगी खूबसूरत और रोमांचक थी। बस हमें इस आभासी दुनिया के चश्मे को अपनी आंखों से हटाने की देरी है।