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    गीताप्रेस बंद होने की उड़ रही अफवाह, प्रेस प्रबंधन ने कहा, कोई संकट नहीं

    By Rahul SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:30 AM (IST)

    इंटरनेट मीडिया पर गीताप्रेस के बंद होने का मैसेज वायरल हो रहा है। इसे लेकर गीताप्रेस प्रबंधन ने स्थिति साफ की है। प्रबंधन का कहना है कि यह अफवाह है। गीताप्रेस सुचारु रूप से चल रहा है। यह 2015 का मैसेज है जो अभी तक घूम रहा है।

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    गीता प्रेस नहीं होगा बंद, उड़ रही थी अफवाह। फाइल फोटो

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता : इंटरनेट मीडिया पर गीताप्रेस के बंद होने का मैसेज वायरल हो रहा है। इसे लेकर गीताप्रेस प्रबंधन ने स्थिति साफ की है। प्रबंधन का कहना है कि यह अफवाह है। गीताप्रेस सुचारु रूप से चल रहा है। यह 2015 का मैसेज है जो अभी तक घूम रहा है। 2015 से अब तक प्रेस में 20 करोड़ रुपये की नई मशीनें लग चुकी हैं। नियमित छपाई हो रही है। प्रेस पर किसी तरह का संकट नहीं है।

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    2015 में कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था गीता प्रेस को

    कुछ कर्मचारियों के आंदोलन के चलते गीताप्रेस 2015 में सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसका फायदा विभिन्न जिलों में कुछ लोगों ने उठाना शुरू कर दिया। मैसेज वायरल कर चंदा उगाही शुरू कर दी थी। यह बात पता चलने पर गीताप्रेस ने इस मैसेज का खंडन किया था। वही मैसेज पुन: वायरल होने लगा है। प्रतिदन गीताप्रेस में इसे लेकर तीन से चार सौ फोन आ रहे हैं।

    गीताप्रेस के नाम पर न दें चंदा

    प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि गीताप्रेस किसी से चंदा नहीं लेता है, इसलिए प्रेस के नाम पर किसी को चंदा न दें। ऐसी सूचना मिली है कि कुछ जिलों में समिति बनाकर कुछ लोग गीताप्रेस के नाम पर चंदा वसूली कर रहे हैं। गीताप्रेस अपने साधनों से लोगों को लागत मूल्य से कम कीमत पर पुस्तकें उपलब्घ कराता है। इसके लिए किसी से सहयोग नहीं लेता है।

    वाट्सएप ग्रुप से की जाएगी शिकायत

    प्रबंधन वाट्सएप ग्रुप के ग्रीवांस आफिसर परेश बी. लाल को मेल भेजकर शिकायत करने की तैयारी कर रहा है। तैयारी लगभग पूरी है, केवल ट्रस्ट बोर्ड से अनुमति लेनी शेष है। इसी सप्ताह बोर्ड की बैठक में यह अनुमति लेने के बाद ग्रीवांस आफिसर को मेल भेजकर गीताप्रेस के बंद होने के मैसेज पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।

    रोज तीन-चार सौ लोगों के आ रहे फोन

    गीताप्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि गीताप्रेस के बंद होने के बारे में रोज तीन से चार सौ फोन आ रहे। लोग मदद करने की बात कह रहे हैं। जबकि गीताप्रेस किसी से मदद नहीं लेता है। यह बहुत पुराना मैसेज है जो कुछ लोगों ने चलाया था। वही आज तक घूम रहा है। इसलिए अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें। प्रेस पर कोई संकट नहीं है।