Gorakhpur News: हृदय पर वज्रपात बनकर टूट रहा तनाव और नशा, हार्ट अटैक के मामले बढ़े मामले
गोरखपुर में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। अनियमित दिनचर्या तनाव और गलत खानपान इसके मुख्य कारण हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि युवाओं में तंबाकू का सेवन और उच्च रक्तचाप की जांच न कराना भी हार्ट अटैक का कारण बन रहा है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। हाल के वर्षों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। चार-पांच साल पहले बीआरडी मेडिकल कालेज में रोज जहां 10-12 मरीज पहुंचते थे। वहीं अब ओपीडी व इमरजेंसी मिलाकर 25-30 रोगी पहुंचने लगे हैं। इसमें युवाओं की संख्या भी कम नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार तनाव, नशा, खान-पान में चिकनाई का ज्यादा इस्तेमाल और शारीरिक श्रम की कमी की वजह से युवावस्था में ही हार्टअटैक के मामले सामने आने लगे हैं। तनाव की वजह से उच्च रक्तचाप व मधुमेह की शुरुआत होती है, जांच व उपचार न कराने से ये दोनों बीमारियां अनियंत्रित हो जाती हैं।
इसके साथ ही नशा और नुकसान पहुंचा रहा है। तनाव व नशा व्रजपात बनकर हृदय पर टूट रहे हैं। युवाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण तनाव व तंबाकू तथा उसके उत्पादों का प्रयोग मिला है। ज्यादातर ने हार्ट अटैक के पहले कभी उच्च रक्तचाप व मधुमेह की जांच ही नहीं कराई थी। ये दाेनों चीजें अनियंत्रित हुईं तो वे हार्ट अटैक के शिकार हो गए।
पिछले माह सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में हृदय रोग विभाग के ओपीडी में 187 लोग पहुंचे, जिन्हें हार्ट अटैक की दिक्कत थी। इनमें से 18 की उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच थी। ये सभी या तो सिगरेट पीते थे या गुटखा-तंबाकू खाते थे। सभी का उच्च रक्तचाप व तीन का मधुमेह अनियंत्रित था।
इनमें से इनमें नियमित व्यायाम करने वाला एक भी व्यक्ति नहीं था और 13 ने इसके पहले कभी उच्च रक्तचाप व मधुमेह की जांच नहीं कराई थी। अन्य रोगियों की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा थी। ये सभी उच्च रक्तचाप या मधुमेह अथवा इन दोनों बीमारियों से पीड़ित थे। कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक होने से डाक्टर भी चिंतित हैं।
इसका कोई सही कारण सामने नहीं आ पाया है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार मूल रूप से तनाव इसका कारण बन रहा है। 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में इसका मुख्य कारण तंबाकू व उसके उत्पादों का इस्तेमाल मिला है। बाहर का खाना, देर रात तक जागना और मोबाइल देखना, नींद न पूरी होना, चिकनाईयुक्त पदार्थों का ज्यादा सेवन और व्यायाम न करना भी इसका कारण रहा।
ऐसे करें बचाव
- -चलने में सीने में दर्द हो, सांस फूले और असहज महसूस करें तो जिम न जाएं।
- -यदि उच्च रक्तचाप की दवा चल रही है तो नियमित लेते रहें।
- -धूमपान या किसी भी तरह के नशे से परहेज करें।
- -खान-पान संतुलित रखें, जंकफूड से दूर रहें।
- -सुबह-शाम टहलना बेहद लाभप्रद है।
- -नियमित योग-व्यायाम करते रहें।
अनियमित दिनचर्या, तनाव, असंतुलित आहार व शारीरिक सक्रियता की कमी की वजह से युवा हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। एक स्वस्थ दिनचर्या दिल के दौरे के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है। हृदय के अनुकूल आहार लें और फास्ट फूड का सेवन कम करें। खान-पान में चिकनाई का ज्यादा इस्तेमाल और शारीरिक श्रम की कमी की वजह भी हार्ट अटैक के मामलों में सामने आई है।
-डा. आशीष राघव, हृदय रोग विशेषज्ञ बीआरडी मेडिकल कालेज
कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इसका वाजिब कारण अभी सामने नहीं आ पाया है। लेकिन, रोगियों की हिस्ट्री के आधार पर कहा जा सकता है कि तनाव व धूमपान इसका प्रमुख कारण है। देर रात तक जागना, सुबह देर तक सोना, शारीरिक सक्रियता की कमी से हृदय रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इससे बचें और स्वस्थ दिनचर्या के साथ जीएं। तेल, घी, चिकनाई युक्त भोजन से परहेज करें।
-डा. आशुतोष सिंह, हृदय रोग विशेषज्ञ बीआरडी मेडिकल कालेज
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