सिद्धार्थनगर में अतिक्रमण हटाने पर हाई वोल्टेज ड्रामा, बुलडोजर के सामने लेट गए भाजपा सांसद के प्रतिनिधि, कहा- आत्महत्या कर लूंगा
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में रविवार को घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। यहां सड़क से अतिक्रमण हटाने गई टीम को लोगों के जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा। अतिक्रमण हटाने के विरोध में भाजपा सांसद जगदंबिका पाल प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल सड़क पर लेट गए।
सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर में अतिक्रमण हटाने के नाम रविवार सुबह घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। अतिक्रमण हटाने गई टीम को लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। हास्यास्पद स्थिति तब हो गई जब भाजपा सांसद जगदंबिका पाल प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल सड़क पर लेट गए। पुलिस उन्हें वहां से उठाकर ले गई और बाद अभियान जारी रहा।
यह है मामला
प्रशासन ने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार रविवार सुबह करीब छह बजे नगर के सिद्धार्थ तिराहा से बांसी टैक्सी स्टैंड के बीच अतिक्रमण हटाओ अभियान संचालित किया। हाईवोल्टेज ड्रामा के बीच बहुचर्चित एक होटल व बाइक एजेंसी के सामने रोड पटरी पर हुए अतिक्रमण को हटाने के साथ अभियान की शुरूआत की। सांसद प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एसपी अग्रवाल ने अभियान का विरोध करने का प्रयास किया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सांसद प्रतिनिधि को वहां से हटाया।
कई दिनों से चल रहा था अभियान
प्रशासन ने चार दिन अभियान को स्थगित करने के बाद एक बार फिर से नगर के सिद्धार्थ तिराहा के पास से अभियान को नए सिरे से शुरू किया। एक होटल व्यवसायी ने करीब 12 फीट पटरी पर अतिक्रमण कर रखा था। इसे टीम ने ध्वस्त किया। पटरी पर ही पिलर तैयार कर तीन मंजिला होटल बनाया था। पिलर हटाने में पूरी बिल्डिंग ध्वस्त होने की आशंका को देखते हुए एक सप्ताह में हटाने से संबंधित नोटिस दी। इसी के बगल में सांसद प्रतिनिधि की बाइक एजेंसी का चबूतरा तोड़ा गया। इन्होंने करीब 25 फीट पटरी पर कब्जा किया था। इसके बाद अभियान आगे की बढ़ा।
सांसद प्रतिनिधि ने किया अभियान को प्रभावित करने का प्रयास
ज्वांइट मजिस्ट्रेट जगप्रवेश ने अभियान का नेतृत्व किया। सांसद प्रतिनिधि ने इनपर कई बार प्रभाव डालने का प्रयास भी किया। जब प्रभाव नहीं पड़ता देखा तो अकेले ही धरने पर बैठ गए। कुछ दूरी पर मौजूद उनके पुत्र भी समर्थन में आगे बढ़े तो पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया। अधिकारियों ने इन्हें किसी प्रकार वहां से उठाया तो कुछ दूर आगे जाकर सड़क पर लेट गए। जनसमर्थन नहीं मिलता देख कुछ देर में वापस भी हो गए। कुछ देर बाद वह वापस लौटे और तहसीलदार सदर राम ऋषि रमन व एसओ सदर तहसीलदार सिंह के पास आकर चेतावनी दी कि शासन व प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, वह आत्मदाह कर लेंगे।
50 वर्ष पुराने आदेश को प्रभावी बताते रहे सांसद प्रतिनिधि
सांसद प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एसपी अग्रवाल ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जगप्रवेश को 50 वर्ष पुराना सिविल जज बस्ती का एक आदेश दिखाया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इन्हें समझाया कि इस आदेश को पारित हुए पांच दशक से अधिक समय बीत गया है। पहले पता करा लीजिए कि यह आदेश प्रभावी है कि नहीं। इसके लिए आपको न्यायालय में प्रश्न-उत्तर (सवाल-जवाब) दाखिल करना होगा।