Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखपुर शहर के सुमेर सागर ताल के किनारे चला अभियान, खाली हुई सात एकड़ जमीन Gorakhpur News

    By Satish ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 16 Mar 2020 11:56 AM (IST)

    अभी केवल गोदाम व झुग्गी-झोपडिय़ों को हटाया गया है। पक्के मकानों में रहने वालों लोगों को सात दिनों की नोटिस दी गई है। अवधि बीतने के बाद उन्हें भी तोड़ दिया जाएगा।

    गोरखपुर शहर के सुमेर सागर ताल के किनारे चला अभियान, खाली हुई सात एकड़ जमीन Gorakhpur News

    गोरखपुर, जेएनएन। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व उपजिलाधिकारी सदर गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में सुमेर सागर ताल में अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहा। प्रशासन ने सात एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। इस दौरान करीब 16 गोदाम भी तोड़े गए। प्रशासन के मुताबिक इस जमीन की कीमत पांच अरब रुपये से अधिक है। अभियान सोमवार को भी जारी रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब तक 150 एकड़ भूमि अतिक्रमण मुक्‍त

    'गोरखपुर पहल के तहत चलाए जा रहे अभियान में अब तक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने 11 गांवों में ही 150 एकड़ से अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है। इसी क्रम में सुमेर सागर ताल की जमीन को भी अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने नायब तहसीलदार पिपराइच की अध्यक्षता में पांच लेखपाल व दो कानूनगो की टीम गठित की है। टीम ताल की जमीन का चिह्नांकन व सीमांकन कर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी।

    एक माह तक अभिलेखागार में खोजे गए रिकार्ड

    सुमेर सागर ताल से संबंधित जमीन के रिकार्ड के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने एक माह पूर्व टीम गठित कर दी थी। टीम ने करीब बीस दिनों तक अभिलेखागार में ताल से संबंधित रिकार्डों की छानबीन की। पता चला कि ताल की लगभग 17 एकड़ जमीन पर भूमाफिया का कब्जा है। इसमें ज्यादातर लोग किराए पर हैं, जिनके पास कोई कागजात नहीं है।

    रात में ही गायब हो गए सौ से अधिक परिवार

    पहले दिन शनिवार को अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ तो प्रशासन को सुमेर सागर ताल के भीतर झुग्गी-झोपडिय़ों में करीब सौ से अधिक परिवार मिले थे। अफसरों ने इनसे कागजात मांगे, लेकिन कोई भी परिवार अपना आधार कार्ड भी नहीं दिखा सका। प्रशासन की टीम दूसरे दिन जब दोबारा पहुंची तो झुग्गी-झोपडिय़ों में कोई भी नहीं मिला। इसे देख अफसर सकते में आ गए।

    झुग्गी-झोपडिय़ों में मिले आपत्तिजनक सामान

    ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने टीम को झुग्गी-झोपडिय़ों की जांच के लिए भेजा तो उसमें कच्‍ची शराब, नशीली दवाइयों समेत अन्य प्रतिबंधित सामग्रियां मिलीं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि मलिन बस्ती में बांग्लादेशियों के रहने की जानकारी मिली है। इनके पास कोई वैध कागजात भी नहीं मिले हैं। करीब सौ से अधिक परिवार संदिग्ध रूप से गायब हो गए हैं। इसकी जांच कराई जा रही है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर यह लोग कैसे रह रहे थे? इनसे संबंधित जानकारी पुलिस को भी उपलब्ध करा दी गई है।

    दूर होगी गोलघर में जलजमाव की समस्या

    करीब 17 एकड़ में फैले सुमेरसागर ताल को जिला प्रशासन पुन: संरक्षित करेगा, इससे गोलघर समेत विजय चौक आदि इलाकों में जलजमाव की समस्या से पूरी तरह निजात मिल जाएगी। इसके अलावा इस जमीन को जिला प्रशासन पार्क और अन्य प्रयोजनों के लिए भी इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।

    सुमेर सागर में रहने वालों की तहसील सभागार में हुई बैठक

    सुमेर सागर ताल में रहने वाले लोगों की तहसील सभागार में बैठक हुई। लोगों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को दुकानों व पक्के मकानों के कागज दिए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इन दस्तावेजों का सात दिनों के भीतर सत्यापन करने का निर्देश दिया है। इसके अलाव कुछ ऐसे बैनामों के दस्तावेज भी मिले हैं जो निर्माण स्थल से अलग हैं।

    भूमाफिया के चंगुल में फंसे लोग

    सुमेर सागर ताल की जमीन पर कई बेगुनाह भूमाफिया की साजिश का शिकार बन गए। कई पीडि़तों ने अपना घर बचाने के लिए जिला प्रशासन से भी गुहार लगाई। रंजीत चौधरी, प्रशांत सिंह, सुनील श्रीवास्तव, पवन पांडेय आदि का कहना है कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री कराई है जिसे जिला प्रशासन अवैध बता रहा है। जिला प्रशासन का कहना है कि सुमेर सागर ताल में किसी भी तरह का निर्माण पूरी तरह अवैध है। इसलिए वहां पर सभी निर्माण ध्वस्त कराए जाएंगे।

    शहर के अन्‍य तालाबों से हटेगा अतिक्रमण

    इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि 'गोरखपुर पहल के तहत शहर की बेशकीमती जमीनों से अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी है। इसी क्रम में सुमेर सागर ताल को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। जल्द ही शहर के अन्य प्रमुख तालाबों और पोखरों से हटाया जाएगा।

    पक्‍के मकान वालों को नोटिस

    सोगरवाल का कहना है कि अभी केवल गोदाम व झुग्गी-झोपडिय़ों को हटाया गया है। पक्के मकानों में रहने वालों लोगों को सात दिनों की नोटिस दी गई है। अवधि बीतने के बाद उन्हें भी तोड़ दिया जाएगा। 

    comedy show banner
    comedy show banner