गेहूं बेचने पर मिलेगी रसीद, मोबाइल पर आएगा मैसेज
कुशीनगर में इस बार गेहूं की खरीद इलेक्ट्रानिक-प्वाइंट आफ परचेज (ई-पाप) मशीन से होगी खरीद एक अप्रैल से 15 जून तक गेंहू बेच सकेंगे किसान इस बार शासन से ...और पढ़ें

कुशीनगर : इस बार गेहूं की खरीद ई-पाप मशीन (इलेक्ट्रानिक-प्वाइंट आफ परचेज) से होगी। गेहूं बेचने पर किसानों को मशीन से छपी हुई रसीद भी मिलेगी। इसमें बेचे गए गेहूं की तौल का ब्योरा होगा।
तौल होते ही पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज भी आ जाएगा। बिना अनाज बेचे मैसेज आने पर किसान सीधे आयुक्त खाद्य से शिकायत कर सकेंगे। शिकायत के बाद मोबाइल नंबर मैसेज में आएगा। इस पारदर्शी व्यवस्था से बिचौलिए लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान उठा सकें इसलिए किसानों को ई-पाप मशीन में अंगूठा लगाकर गेहूं बेचने की व्यवस्था बनाई गई है। तौल प्रक्रिया पूरी होते ही एसएमएस मिलने की व्यवस्था है। शिकायत के लिए मोबाइल नंबर तय होना बाकी है।
विपणन निरीक्षक पंकज कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि गेहूं बिक्री पर छपी रसीद मिलने और मोबाइल पर मैसेज आने की व्यवस्था से हेराफेरी करने वालों पर रोक लगेगी। पंजीकृत किसान या फिर उनके द्वारा नामित परिवार के सदस्य ही क्रय केंद्र पर गेहूं बेच पाएंगे।
क्रय नीति जारी, नहीं होगा कोई लक्ष्य
रबी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीद की क्रय नीति जारी कर दी गई है। अंतिम तिथि तक क्रय केंद्रों पर किसान गेहूं बेच सकेंगे। शासन ने खरीद के पूर्व लक्ष्य तय करने की व्यवस्था में बदलाव किया है। इस बार गेहूं खरीद का कोई लक्ष्य नहीं होगा। एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होगी। 15 जून अंतिम तिथि है। 1975 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से गेहूं की खरीद होगी। केवल पंजीकृत किसानों से ही गेहूं खरीद की जाएगी। पंजीकरण का लिए किसान का आधार कार्ड, बैंक पासबुक व खतौनी की आवश्यकता होगी। यदि किसान महिला है अथवा वृद्ध है जो क्रय केंद्र पर नहीं जा सकता है तो उसके लिए अपने प्रतिनिधि का भी आधार कार्ड पंजीकरण कराना होगा। जिसके फिगर प्रिट लगाने से खरीद की जा सकेगी। कोई भी किसान प्रतिनिधि का आधार कार्ड पंजीकृत कर सकेगा। प्रतिनिधि का परिवार से संबंधित होना आवश्यक है।
बटाईदार से भी गेहूं खरीद की जा सकेगी, उसको भी अपने नाम से पंजीकरण कराना होगा, जिसका सत्यापन एसडीएम करेंगे, लेकिन शर्त यह है कि बटाईदार द्वारा जिस जमीन का पंजीकरण कराया जाएगा उस भूमि का पंजीकरण भूस्वामी द्वारा नहीं किया जा सकेगा। बटाईदार का उसी गांव अथवा समीप के गांव का हो सकता है। किसान द्वारा जिस मोबाइल नंबर का पंजीकरण कराया जाएगा उसी नंबर पर ओटीपी आएगा और भुगतान भी प्राप्त होगा इसलिए उसका चालू रहना आवश्यक है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।