UP के इस जिले में कार्डधारकों को नहीं मिल पा रहा राशन, ताले में बंद है एटीएम
उत्तर प्रदेश के एक जिले में राशन कार्ड धारकों को राशन वितरण में परेशानी हो रही है क्योंकि राशन वितरण के लिए इस्तेमाल होने वाले एटीएम बंद पड़े हैं। तकनीकी खराबी के कारण एटीएम बंद हैं, जिससे कार्डधारकों को राशन की दुकानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिला प्रशासन ने एटीएम को जल्द ठीक करने का आश्वासन दिया है।

कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित तहसील सदर के सामने बंद कमरे में रखा गया मशीन। जागरण
अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी योजना के कार्डधारकों को राशन देने के लिए मिली थी मशीन
पहले नकहा में लगाई गई, बिजली का बिल ज्यादा आया तो सदर तहसील में रखी गई
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी योजना के राशन कार्डधारकों के लिए मंगाई गई अन्नपूर्ति मशीन ताले में बंद है। निर्धारित मात्रा में राशन देने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मशीन मिली थी लेकिन इसमें राशन भरने में दिक्कत, बिजली का ज्यादा बिल और जगह ज्यादा लेने के कारण यह अनुपयोगी साबित हो रही है।
जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि मशीन से हर महीने तकरीबन सौ कार्डधारकों को राशन दिया जाता है लेकिन जिस कक्ष में मशीन लगी है उसके शटर पर ताला देखकर लग रहा है कि महीनों से इसे खोला नहीं गया है।
शासन ने वर्ष 2023 में वाराणसी व लखनऊ के साथ गोरखपुर को अन्नपूर्ति मशीन उपलब्ध कराई थी। विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत यह मशीन मिली थी। जिला पूर्ति विभाग ने मशीन की स्थापना नकहा नंबर एक के कोटेदार अंकुर गुप्ता के यहां करा दी।
मशीन के संचालन के लिए वाणिज्यिक श्रेणी का कनेक्शन लेना था। अंकुर गुप्ता ने वर्ष 2023 में तकरीबन पांच हजार रुपये खर्च कर कनेक्शन लिया। इसके बाद जुलाई 2003 का बिजली का बिल 57 सौ रुपये आ गया। इतना ज्यादा बिजली का बिल आने के बाद अंकुर गुप्ता ने मशीन संचालन से हाथ खड़े कर दिए।
उन्होंने आपूर्ति विभाग ने बिजली के बिल के मद में रुपये मांगे लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था न होने के कारण रुपये नहीं मिल सके। कुछ दिनों तक आपूर्ति विभाग के दबाव में उन्होंने मशीन चलाई। बाद में मशीन को सदर तहसील में एक कमरे में रखवा दिया गया। कहा जा रहा है कि इसी कमरे से वितरण होता है लेकिन वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि किसी को राशन लेते नहीं देखा गया है।
नेटवर्क भी ठीक से नहीं मिलता
जिला पूर्ति विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि जब से मशीन आयी है उसमें हमेशा नेटवर्क की दिक्कत रहती है। मशीन के अगले हिस्से पर बायोमीट्रिक मशीन लगी है। इस पर अंगूठा लगाने के बाद यदि अन्त्योदय कार्डधारक हैं तो प्रति कार्ड 14 किलोग्राम गेहूं और 21 किलोग्राम चावल निकलकर नीचे की तरफ आता है। इसे अलग-अलग बोरे में भर लिया जाता है। पात्र गृहस्थी योजना के कार्डधारकों को प्रति यूनिट दो किलोग्राम गेहूं और तीन किलोग्राम चावल मिलता है।
अन्नपूर्ति मशीन को गोलघर के गांधी नगर डीसीएफ राशन केंद्र से संबद्ध किया गया है। कोटेदार लाभार्थियों को लेकर आते हैं और राशन का वितरण करते हैं। मशीन काफी बड़ी है। ऊंचाई पर राशन डालने की व्यवस्था के कारण दिक्कत होती है। नेटवर्क की दिक्कत काे दूर करने के लिए कंपनी से शिकायत की गई थी। दिसंबर 2024 में इंजीनियरों ने आकर इसे ठीक किया था लेकिन अब भी दिक्कत होती है।
-रामेंद्र प्रताप सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी
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