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    तस्वीरों में देखें- गोरखपुर की रामलीला की झलक, अयोध्या के कलाकारों ने बांधा समा, भाव-विभोर हुए दर्शक

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 30 Sep 2022 03:21 PM (IST)

    गोरखपुर जिले में शहर से लेकर गांवों तक में रामलीला का मंचन शुरू हो गया है। शहर के विभिन्न हिस्सों में रामलीला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। बर्डघाट आर्यनगर व धर्मशाला बाजार की रामलीला की कुछ झलकियां आपके लिए लेकर आए हैं...

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    Ramlila 2022: तस्वीरों में देखें- गोरखपुर की रामलीला की झलक। फोटो- जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बर्डघाट रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में राम की चरण पादुका लेकर भरत के वापस लौटने व नंदीग्राम में उसकी स्थापना कर राजकाल संभाल लेने के दृश्यों का मंचन किया गया। अयोध्या से आए कालाकार अपनी अभिनय क्षमता से दर्शकों को अंत तक मंच से जोड़े रहने में कामयाब रहे। दर्शकों ने समय-समय पर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

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    रामलीला में दिखा राम-भरत मिलन का दृश्य

    आरती के बाद शुरू हुई रामलीला में मंच पर राम-भरत मिलन का दृश्य उपस्थित हुआ। भरत के बहुत अनुरोध के बाद भी जब राम लौटने को राजी नहीं हुए तो उन्होंने उनकी चरण पादुका लेकर लौटने का निर्णय किया। लौटते समय उनकी आंखें आंसुओं से भरी थीं। माहौल भावुक हो गया था। कार्यक्रम में अध्यक्ष पंकज गोयल, अनूप अग्निहोत्री, मृणाल बरनवाल, कन्हैया वर्मा, रमेश सिंह, मदन अग्रहरि, दिनेश सर्राफ, हर्ष बरनवाल, चंद्र कुमार वर्मा, अभिनव अग्रवाल, अनुराग मझवार, उत्कर्ष बरनवाल, राजन वर्मा आदि उपस्थित थे।

    श्रद्धापूर्वक निकाली गई राम वन गमन की शोभायात्रा

    रामलीला समिति, आर्यनगर के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में राम वन गमन की शोभायात्रा श्रद्धापूर्वक निकाली गई। नम आंखों से अयोध्यावासियों ने श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता को विदा किया। पात्रों के रूप में मुरादाबाद से आए कलाकार सुसज्जित थे।

    वनवास के लिए निकले राम तो भावुक हुए अयोध्यावासी

    यात्रा श्रीठाकुर मदन मोहन जी मंदिर, आर्यनगर से शुरू हुई। बक्शीपुर, नखास, रेती चौक, घंटाघर, हिंदी बाजार, मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, जाफरा बाजार, ईदगाह रोड, चरनलाल चौक होते हुए पुन: आर्यनगर पहुंचकर समाप्त हुई। वन को निकले राम, लक्ष्मण और जानकी को देखकर आयोध्यावासी भावुक हो गए। यात्रा में सुसज्जित घोड़े व झांकियां आकर्षण का केंद्र थीं। सड़क की दोनों पटरियों पर दर्शकों की भीड़ लगी रही। यात्रा का शुभारंभ महापौर सीताराम जायसवाल, उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा, महानगर अध्यक्ष भाजपा राजेश गुप्ता, शशिकांत सिंह व समिति के महामंत्री पुष्प दंत जैन ने किया। इस अवसर पर रेवती रमण दास, दीप अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, कीर्ति रमन दास, विकास जालान आदि उपस्थित थे।

    भगवान विष्णु ने तोड़ा नारद का अहंकार

    रामलीला समिति धर्मशाला बाजार के तत्वावधान में रामलीला शुरू हुई। पहले दिन कलाकारों ने नारद मोह, रावण जन्म, पृथ्वी पुकार, राम जन्म, ताड़का वध का मंचन किया। नारद मोह के प्रसंग में भगवान विष्णु द्वारा नारद के अहंकार को तोड़ने का भाव प्रदर्शित किया गया। जयघोष गूंज उठा।

    स्वयंबर में अपमानित हुए नारद

    समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष शिव शंकर दुबे व नगर निगम के पूर्व उपसभापति जितेंद्र सैनी द्वारा आरती के बाद रामलीला शुरू हुई। मंच पर एक नगर में राजकुमारी के स्वयंवर का दृश्य उपस्थित हुआ। काम पर विजय प्राप्त करने के अहंकार में चूर नारद को उस राजकुमारी से विवाह की इच्छा जागृत हुई। उन्होंने भगवान विष्णु से उनका रूप मांगा। उन्होंने बंदर का रूप दे दिया। नारद को स्वयंवर में अपमानित होना पड़ा। संचालन महामंत्री धर्मेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर शशांक शेखर त्रिपाठी, दुर्गेश कुमार गुप्ता, सचिन कुमार गुप्ता, शिव शंकर गुप्ता, विजय तिलक कोरी, राकेश गुप्ता, विनोद दुबे, कृष्ण कांत गुप्ता, रवि गुप्ता, श्रीकांत वैश्य, अमन पटवा आदि उपस्थित रहे।