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दिल्‍ली जाने से पहले बोले रामगणेश, सीएम से बहुत मिला, अब पीएम से भी कुछ मांगेंगे

मुख्यमंत्री योगी ने बहुत कुछ दिया है। प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला तो उनसे भी अपने वनटांगिया समुदाय के लिए कुछ मांगेंगे। रामगणेश दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वे दिल्ली में लालकिले के स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर विशेष अतिथि बुलाए गए दस लोगों में शामिल हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 02:10 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 02:10 PM (IST)
वनटांगिया गांव के तिकोनिया नंबर-तीन के रामगणेश। जागरण

गोरखपुर, जितेंद्र पांडेय : 'मुख्यमंत्री योगी जी ने बहुत कुछ दिया है। प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला तो उनसे भी अपने वनटांगिया समुदाय के लिए कुछ मांगेंगे।' इस उम्मीद के साथ रामगणेश दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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दिल्‍ली में स्‍वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे तिकोनिया नंबर तीन के रामगणेश

जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर है वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर-तीन। इस गांव के रामगणेश दिल्ली में लालकिले के स्वतंत्रता दिवस समारोह में उत्तर प्रदेश से बतौर विशेष अतिथि बुलाए गए दस लोगों में शामिल हैं। वह कभी सदियों से पिछड़ेपन और उपेक्षा का पर्याय माने जाने वाले वनटांगिया समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे। गोरखपुर और महराजगंज में वनटांगियों की आबादी लगभग 50 हजार है। दिल्ली रवाना होने से पहले रामगणेश ने कहा-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। उन्हीं की देन है कि प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिल रहा है। ऐसे में उन्हें यदि मौका मिला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समक्ष अपनी कुछ मांग भी रखेंगे, ताकि वनटांगियों का समुचित विकास हो सके।

मुख्‍यमंत्री के कारण 23 वन ग्रामों को मिला वजूद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देन है कि गोरखपुर व महराजगंज के 23 वन ग्राम जिनका कोई वजूद ही नहीं था, उन्हें राजस्व ग्राम का दर्जा मिला। उन्होंने गांव को बिजली, सड़क, स्कूल आवास से लेकर बहुत कुछ दिया है। ग्राम पंचायत का दर्जा भी मिल जाए तो बात बन जाए। प्रधानमंत्री के समक्ष पहली मांग स्वतंत्र ग्राम पंचायत की रखेंगे। रामगणेश के मुताबिक, उनकी दूसरी मांग होगी वर्ष-2021 के आधार पर वनटांगियों की जनगणना की जाए और उसे भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए और वनटांगियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष बजट आवंटित किया जाए। तीसरी मांग होगी कि प्रत्येक वनटांगियां को आयुष्मान भारत का गोल्डेन कार्ड मिले, जिससे वह करीब पांच लाख रुपये तक का अपना मुफ्त इलाज करा सके। रामगणेश ने कहा कि सिर्फ 30 फीसद वनटांगिया परिवारों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ मिलता है। इस पर भी चर्चा करेंगे कि सभी वनटांगियों को सम्मान निधि का लाभ मिले।

2009 में ही लग गया था आएंगे अच्छे दिन

रामगणेश का कहना है कि उन्हें वर्ष 2009 में ही लग गया था कि स्थिति में सुधार होने वाला है। 2009 में ही उनका वन ग्राम बांसगांव से अलग होकर सदर लोकसभा से जुड़ गया। उस दौरान हिंदू युवा वाहिनी के पीके मल्ल ने वनटांगियों की स्थिति की जानकारी लेकर महराज जी (तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ) को अवगत कराया। महराज जी ने 2009 में ही गांव में हिंदू विद्यापीठ नाम से विद्यालय स्थापित कराया और 2009 में ही दीपावली के दिन बच्चों को ड्रेस, बैग, किताब व मिठाई दी। उसके बाद वह हर साल यहां वनटांगियों के साथ दीपावली मनाने के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद महराज जी पर जिम्मेदारी अधिक है, लेकिन वनटांगियों के प्रति उनका स्नेह यथावत है।


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