Updated: Mon, 23 Dec 2024 12:38 PM (IST)
Railway News 31 दिसंबर तक सभी ट्रेनें पूरी तरह फुल हैं। स्लीपर श्रेणी में नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) है। एसी क्लास में भी नो रूम की स्थिति बनी हुई है। 100 से अधिक वेटिंग चल रहा है। अब नए साल में ही कंफर्म टिकट मिलेगा। लोगों को अभी इंतजार करना होगा। 22537 कुशीनगर एक्सप्रेस के स्लीपर में 28 दिसंबर तक नो रूम हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। छठ पर्व बाद आज तक रेलवे की यात्रा सामान्य नहीं हुई। गोरखपुर से दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात और चेन्नई आदि राज्यों की यात्रा करने वाले पूर्वांचल और बिहार के लोगों में कन्फर्म आरक्षित टिकट और सीट के लिए मारामारी मची हुई है। मुंबई और पुणे की स्थिति तो बेहद खराब है। 31 दिसंबर तक सभी ट्रेनें पूरी तरह फुल हैं। स्लीपर श्रेणी में नो रूम (टिकटों की बुकिंग बंद) है। एसी क्लास में भी नो रूम की स्थिति बनी हुई है। 100 से अधिक वेटिंग चल रहा है। अब नए साल में ही कंफर्म टिकट मिलेगा। लोगों को अभी इंतजार करना होगा।
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22537 कुशीनगर एक्सप्रेस के स्लीपर में 28 दिसंबर तक नो रूम हैं। एसी थर्ड में 23 दिसंबर को 143 वेटिंग है। सभी तिथियों में 100 से अधिक वेटिंग है। यही स्थिति बांद्रा एक्सप्रेस में है। इसके स्लीपर क्लास में भी टिकटों की बुकिंग बंद हो गई है।
20104 गोरखपुर-एलटीटी सुपरफास्ट में भी सभी श्रेणियाें में 100 से अधिक वेटिंग चल रहा है। गोरखपुर से बनकर गोरखधाम, हमसफर, कुशीनगर, गोरखपुर-एलटीटी, गोरखपुर-पुणे और कोचीन आदि दिल्ली, मुंबई, पुणे, केरल और बेंगलुरु जाने वाली ट्रेनें ही नहीं बिहार से चलने वाली वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, सप्तक्रंति और सत्याग्रह गाड़ियां भी पूरी तरह फुल हैं। एक तो ट्रेनों में जगह नहीं है, ऊपर से रेलवे प्रशासन ने दिल्ली जाने वाली 12595 हमसफर और गोरखपुर-आनंदविहार साप्ताहिक आदि कुछ प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों को फरवरी तक निरस्त कर दिया है। जो हमसफर चल रही है, उसमें भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। धक्कामुक्की जारी है।
छठ पर्व बाद अभी तक सामान्य नहीं हो पाई रेलवे की यात्रा
दरअसल, छठ पर्व बाद रेलवे की यात्रा अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है। त्योहारों और लग्न में घर आए लोग वापसी के लिए जूझ रहे हैं। मुंबई और गोवा नव वर्ष मनाने की इच्छा रखने वाले भी परेशान हैं। उन्हें किसी ट्रेन का कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। अब तो वेटिंग टिकटों की बुकिंग भी बंद हो गई है। 24 घंटे तत्काल का भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। बुकिंग शुरू होते ही एक मिनट के अंदर सभी कन्फर्म टिकट बुक हो जा रहे।
गोरखपुर जंक्शन के आरक्षण कार्यालय पर रात भर जागने के बाद भी सुबह हाथ में वेटिंग टिकट ही आ रहा। लोगों की नए वर्ष में परिवार के साथ बाहर घूमने की इच्छा मन में ही दबकर रह जा रही है। क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान रेलवे है। यहां से बहुतायत संख्या में यात्री आवागमन करते हैं।
गोरखपुर जंक्शन से पूर्वांचल ही नहीं बिहार और नेपाल से बड़ी संख्या में लोग देश के अन्य क्षेत्रों में आवागमन करते हैं। इसके बाद भी रेलवे प्रशासन का फोकस निर्माण कार्यों पर अधिक है। दिल्ली और मुंबई के लिए अधिक से अधिक जनरल कोचों वाली अंत्योदय एक्सप्रेस चलाने की आवश्यकता है।
पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों पर 250 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। अभी भी मांग के अनुसार विभिन्न रूटों पर स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। मांग बढ़ी तो और स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा सुनियोजित तरीके से क्षमता विस्तार का कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है। यात्री सुविधाएं रेलवे की प्राथमिकताओं में हैं। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे
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