रेलवे की नजर में इस समय भी घना कोहरा, ढाई दर्जन से अधिक ट्रेनें को किया निरस्त
इस समय तेज धूप है और मौसम एकदम साफ है। लेकिन रेलवे में पता नहीं कैसे अभी घना कोहरा पड़ रहा है। इसलिए 32 ट्रेनें निरस्त कर दी गई।
गोरखपुर, जेएनएन। मौसम एकदम साफ है। तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। लेकिन रेलवे की नजर में अभी भी घना कोहरा छाया है। उसे न तो तेज धूप दिखाई दे रही है और न ही मौसम साफ नजर आ रहा है। उसकी नजर में घना कोहरा है। घने कोहरे और खराब मौसम का हवाला देते हुए रेलवे प्रशासन ने 15 फरवरी तक निरस्त ट्रेनों का निरस्तीकरण 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। मौसम साफ होने के बाद भी गोरखपुर-अमृतसर और शहीद एक्सप्रेस सहित 32 ट्रेनें निरस्त हैं। हमसफर और लखनऊ-बरौनी जैसी 16 महत्वपूर्ण ट्रेनों के फेरे (आवृत्ति में कमी) कम हो गए हैं।
खराब मौसम और कोहरे में परिचालनिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए रेलवे प्रशासन प्रत्येक वर्ष दिसंबर से 15 फरवरी तक लगभग दो माह तक ट्रेनों को निरस्त करता है। लेकिन इस वर्ष रेलवे को पता नहीं क्या सूझा निरस्तीकरण बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया। जबकि, सामान्य से अधिक कोहरा पड़ा ही नहीं है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी में मौसम साफ रहा है। रेलवे का यह निर्णय लोगों के गले नहीं उतर रहा। आम यात्री ही नहीं रेलकर्मी भी रेलवे के निरस्तीकरण फरमान में उलझे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि रेलवे ने समय पालन को दुरुस्त करने के लिए यह निर्णय है। लेकिन अभी भी पूर्वोत्तर रेलवे का समय पालन 75 से 80 फीसद के बीच ही है।
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि फ्रेट कन्वो प्लान के तहत अधिक से मालगाड़ियों को पास कराने के लिए निरस्तीकरण का निर्णय लिया गया है। लेकिन मालगाड़ियों को पास कराने के लिए रेलवे इन निरस्त ट्रेनों के अलावा प्रत्येक सप्ताह एक या दो दिन दर्जन भर ट्रेनों का संचलन प्रभावित कर रहा है। इसके चलते आम यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। होली में घर आना हुआ मुश्किल ट्रेनों का निरस्तीकरण लग्न और होली के पर्व के समय हुआ है, जब यात्रियों की भीड़ बढ़ती है। होली में घर आना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि दिल्ली, अमृतसर, मुंबई, पुणे और कोलकाता आदि से घर आने और वापस जाने के लिए कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा।
किसी भी ट्रेन में कोई जगह नहीं है। अक्सर खाली चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस में वेटिंग टिकट मिल रहा है। कंफर्म टिकट के लिए अफरातफरी मची है। कम हो गए हैं छह हजार फेरे, घट गई कमाई निरस्तीकरण के फरमान से भारतीय रेलवे स्तर पर ट्रेनों के लगभग छह हजार फेरे कम हो गए हैं। इसका असर कमाई पर भी पड़ा है। सूत्रों के अनुसार आरक्षित और जनरल काउंटरों पर टिकटों की बिक्री भी कम हो गई है।
गोरखपुर के आरक्षण टिकट कार्यालय में फरवरी 2018 में करीब दो करोड़ की कमाई हुई। फरवरी 2019 में भी लगभग दो करोड़ की ही कमाई हुई। जबकि पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान है और प्रत्येक वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ती रहती है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव का कहना है कि निरस्त गाड़ियां एक अप्रैल से पूर्व निर्धारित समय और ठहराव के अनुसार चलने लगेंगी। यात्रियों के लिए होली स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अतिरिक्त कोच भी लग रहे हैं।
खराब मौसम और कोहरे में परिचालनिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए रेलवे प्रशासन प्रत्येक वर्ष दिसंबर से 15 फरवरी तक लगभग दो माह तक ट्रेनों को निरस्त करता है। लेकिन इस वर्ष रेलवे को पता नहीं क्या सूझा निरस्तीकरण बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया। जबकि, सामान्य से अधिक कोहरा पड़ा ही नहीं है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी में मौसम साफ रहा है। रेलवे का यह निर्णय लोगों के गले नहीं उतर रहा। आम यात्री ही नहीं रेलकर्मी भी रेलवे के निरस्तीकरण फरमान में उलझे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि रेलवे ने समय पालन को दुरुस्त करने के लिए यह निर्णय है। लेकिन अभी भी पूर्वोत्तर रेलवे का समय पालन 75 से 80 फीसद के बीच ही है।
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि फ्रेट कन्वो प्लान के तहत अधिक से मालगाड़ियों को पास कराने के लिए निरस्तीकरण का निर्णय लिया गया है। लेकिन मालगाड़ियों को पास कराने के लिए रेलवे इन निरस्त ट्रेनों के अलावा प्रत्येक सप्ताह एक या दो दिन दर्जन भर ट्रेनों का संचलन प्रभावित कर रहा है। इसके चलते आम यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। होली में घर आना हुआ मुश्किल ट्रेनों का निरस्तीकरण लग्न और होली के पर्व के समय हुआ है, जब यात्रियों की भीड़ बढ़ती है। होली में घर आना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह है कि दिल्ली, अमृतसर, मुंबई, पुणे और कोलकाता आदि से घर आने और वापस जाने के लिए कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा।
किसी भी ट्रेन में कोई जगह नहीं है। अक्सर खाली चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस में वेटिंग टिकट मिल रहा है। कंफर्म टिकट के लिए अफरातफरी मची है। कम हो गए हैं छह हजार फेरे, घट गई कमाई निरस्तीकरण के फरमान से भारतीय रेलवे स्तर पर ट्रेनों के लगभग छह हजार फेरे कम हो गए हैं। इसका असर कमाई पर भी पड़ा है। सूत्रों के अनुसार आरक्षित और जनरल काउंटरों पर टिकटों की बिक्री भी कम हो गई है।
गोरखपुर के आरक्षण टिकट कार्यालय में फरवरी 2018 में करीब दो करोड़ की कमाई हुई। फरवरी 2019 में भी लगभग दो करोड़ की ही कमाई हुई। जबकि पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान है और प्रत्येक वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ती रहती है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव का कहना है कि निरस्त गाड़ियां एक अप्रैल से पूर्व निर्धारित समय और ठहराव के अनुसार चलने लगेंगी। यात्रियों के लिए होली स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। अतिरिक्त कोच भी लग रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।