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    Gorakhpur News: सावधान, कहीं आप मिलावटी गहने तो नहीं खरीद रहे, छापे में मिला 12.5 किलो मिलावटी सोना

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 28 Mar 2023 09:52 AM (IST)

    Gorakhpur News शाहपुर क्षेत्र में वह किराए पर परिवार के साथ रहता है। असुरन चौराहे के पास उसके भाई की दुकान है। बिना हालमार्क के न खरीदें सोने के आभूष ...और पढ़ें

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    Gorakhpur News: छापे में मिला 12.5 किलो मिलावटी सोना।

    गोरखपुर,जागरण संवाददाता। शहर में पुष्कर ज्वेलर्स की दुकान में मिलावटी सोने के गहने बिक रहे थे। ग्राहकों की शिकायत पर सोमवार की शाम सराफा मंडल के पदाधिकारियों ने दुकान में छापा मारकर 12.5 किलो मिलावटी सोने के गहने व नौ किलो मेटल पकड़ पुलिस को सूचना दी। राजघाट थाना पुलिस ने गहने को कब्जे में लेने के साथ ही मऊ जिले के रहने वाले दुकानदार को हिरासत में ले लिया है। सराफा मंडल के अध्यक्ष ने दुकानदार पर कूटरचित तरीके से जालसाजी कर मिलावटी गहने बनाने और कापीराइट एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया है।

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    छह महीने पहले खोली थी दुकान

    मऊ जिले के दोहरीघाट निवासी अमर जौहरी ने छह माह पहले घंटाघर स्थित पार्किंग के बगल में पुष्कर ज्वेलर्स के नाम से दुकान खोली थी। गांव व कस्बों के व्यापारियों को थोक व फुटकर में सस्ते दर पर गहने बेच रहा था। दो माह से सराफा मंडल के पदाधिकारियों के पास शिकायत आ रही थी कि अमर जौहरी 18 कैरेट के जो गहने बेच रहा है उसमें सोने की मात्रा केवल सात से 10 प्रतिशत ही है, जबकि मानक 75 प्रतिशत का है।

    सोमवार की शाम सात बजे सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी अमर की दुकान पर पहुंचे। काउंटर पर रखे सोने के गहने को निकालकर देखा तो सोने की मात्रा कम मिली। पूछने पर अमर ने कुछ भी बताने से मना कर दिया।

    सोने की मात्रा कम मिली

    जानकारी राजघाट थाना पुलिस को देने के बाद सराफा मंडल के पदाधिकारियों ने सोना की जांच करने वाले घंटाघर सराफा मंडी के विशेषज्ञ को बुलाया, जिन्होंने गहने देखने के बाद सोने की मात्रा कम होने की पुष्टि की। इसके बाद पुलिस ने दुकान में रखे 12.5 किलो सोने के गहने, नौ किलो मेटल (मिलावटी सोना बनाने में इस्तेमाल होने वाली धातु) कब्जे में लेने के साथ दुकान को बंद करा दिया।

    बीआइएस के अधिकारियों को दी सूचना

    राजघाट थाना पुलिस की सूचना पर मंगलवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) लखनऊ की टीम जांच करने आ सकती है।

    ग्राहकों को चूना लगा रहे दुकानदार

    यदि आप सोने के आभूषण ले रहे हैं तो सावधान रहें। कई ऐसे आभूषण व्यापारी हैं जो अपनी खुद की टेस्टिंग मशीन रखे हुए हैं, जो भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) प्रचलन से बाहर हुई मुहर लगाकर ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं। बीआइएस पहले ही सूचित कर चुका है कि ग्राहक अपने अधिकारों को लेकर जागरूक रहें और गड़बड़ी मिलने पर बीआइएस के लखनऊ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं। सर्राफा बाजार से जुड़े लोग बताते हैं कि शहर में तीन हालमार्किंग सेंटर बीआइएस के मानक पर चल रहे हैं। कई तो अपने पास लेजर मशीन रखकर खुद हालमार्किंग का निशान लगाकर आभूषण बेच दे रहे हैं। यहां तक की इसका ब्योरा तक बीआइएस की वेबसाइट पर अपडेट नहीं कर रहे हैं, जिससे ग्राहक ठगा जा रहा है।

    हालमार्किंग सेंटर की होनी चाहिए जांच

    नकली सोने व सोने के अधोमानक आभूषणों की बिक्री पर रोक लगाने व दोषियों पर कार्रवाई के लिए बीआइएस को समय-समय पर हालमार्किंग सेंटरों की भी जांच करनी चाहिए। इससे जहां ग्राहकों को दुकानदार नकली सोना देने से बचेंगे वहीं ग्राहकों को शुद्ध सोना मिलेगा।

    क्या होती है हालमार्किंग

    सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हालमार्किंग कहा जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है। बीआइएस अधिनियम के तहत सोने के साथ ही साथ चांदी के आभूषण की भी हालमार्किंग आवश्यक है। बीआइएस हालमार्क यह प्रमाणित करता है कि आभूषण 24 कैरेट के शुद्ध सोना मानकों के अनुसार तैयार किया गया है और यह शुद्ध है।

    कैरेट और शुद्धता 24 कैरेट (99.9 प्रतिशत शुद्धता) 22 कैरेट (91.6 प्रतिशत शुद्धता) 18 कैरेट (75 प्रतिशत शुद्धता) 14 कैरेट (58.5 प्रतिशत शुद्धता)

    अगर आप आभूषण खरीद रहे हैं तो दुकानदार से पक्की रसीद जरूर लें। उसके बाद बीआइएस केयर एप पर जाकर एचयूआइडी कोड डालकर सोने की शुद्धता की जांच स्वयं कर लें, जिससे आपको पता चल जाएगा कि असली है या नकली। बाजार में लेजर मार्किंग और हाल मार्किंग आभूषण बिक रहे हैं। सिर्फ हालमार्किंग वाली ही ज्वेलरी खरीदें। संजय अग्रवाल, निदेशक, परंपरा जेम्स एंड ज्वेल्स

    पहली अप्रैल से सिर्फ हालमार्किंग वाला सोना बिकेगा

    नए नियम के तहत एक अप्रैल से छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हालमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने के आभूषण पर छह अंकों का हालमार्क कोड होगा। इसे हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी एचयूआइडी कहते हैं। इसके लागू होने के बाद मिलावटी सोने का खेल बंद हो जाएगा।

    सराफा मंडल के पदाधिकारियों की शिकायत पर राजघाट पुलिस ने 12.5 किलो मिलावटी सोना व उससे बने गहने बरामद किया है। कूटरचित तरीके से जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कर दुकानदार को हिरासत में ले लिया गया है, उससे पूछताछ चल रही है। रैकेट में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी। डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी

    मेरठ व हापुड़ से सोना लाकर कर रहा था गोलमाल

    मेरठ व हापुड़ से सोना लाकर अमर जौहरी उर्फ अमरनाथ वर्मा छह माह से गोलमाल कर रहा था। सोना में धातु मिलाकर गहने तैयार करने के बाद खुद ही नकली हालमार्किंग करता था। गुणवत्ता को लेकर अगर कोई दुकानदार या ग्राहक शिकायत लेकर आता था तो हालमार्किंग दिखा चुप करा देता था।

    गहनों पर हालमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है लेकिन, अभी तक पुराने लोगो पर बैन नहीं लगा है। इसी की आड़ में अमर भी नकली हालमार्किंग कर आठ से दस कैरेट वाले सोने के गहने ग्राहकों को बेच रहा था।