संपूर्ण विकास के लिए पूर्वांचल राज्य समय की मांग Gorakhpur News
चीनी मिलें चल रही हैं लेकिन उनमें किसानों के बारह हजार करोड़ रुपये का बकाया है। जिसके कारण किसान गन्ने की बुआई से परहेज कर रहे हैं। यदि पूर्वांचल राज्य बन गया तो उक्त सभी पुन संचालन की स्थिति में आ जाएंगी। विकास का पूरा फोकस पूर्वांचन पर होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। विकास के लिए अगल पूर्वांचल राज्य समय की मांग है। 1990 से चुर्क, चुनार तथा डाला सीमेंट उद्योग बंद हैं। बहादुरगंज, रसड़ा और मऊ की सूती मिलें तथा हस्तकला उद्योग भी बंद हैं तथा शेष बंदी के कगार पर हैं। चीनी मिलें चल रही हैं, लेकिन उनमें किसानों के बारह हजार करोड़ रुपये का बकाया है। जिसके कारण किसान गन्ने की बुआई से परहेज कर रहे हैं। यदि पूर्वांचल राज्य बन गया तो उक्त सभी पुन: संचालन की स्थिति में आ जाएंगी। विकास का पूरा फोकस पूर्वांचन पर होगा। यहां के बेराजगार युवकों को बाहर जाकर भटकना नहीं पड़ेगा।
नए के साथ पुराने उद्योगों को पुनर्जीवित करना जरूरी
यह बातें पूर्वांचल राज्य बनाओ दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.सुधाकर पांडेय ने कही। वह बक्शीपुर स्थित कार्यालय पर पूर्वांचल की दशा और दिशा पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ई.संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि पूर्वांचल में सारे आधारभूत उद्योग बंद होने के कारण यहां के नौजवानों का पलायन अन्य प्रदेशों में तेजी से हुआ है। वर्तमान में यही पूर्वांचल की स्थिति है, जिसमें सुधार करना है। यहां नए उद्योगों के साथ ही पुराने उद्योगों को पुनर्जीवित करना होगा।
कई देशों की आबादी के बराबर होगा पूर्वांचल राज्य
पूर्वांचल नव निर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार राय ने कहा कि यदि पूर्वांचल राज्य बनता है तो इसकी आबादी विश्व के कई देशों से अधिक होगी। प्रधानाचार्य जगतारन शरण ने कहा कि केंद्र तथा प्रदेश की दोनों सरकारें राज्य पुर्नगठन की पक्षधर हैं। वर्ष 2000 में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड राज्य बने हैं। 5 अगस्त 2020 को जम्मू कश्मीर का भी राज्य पुर्नगठन हुआ है।
सेमिनार में प्रमुख रूप से नर्वदेश्वर तिवारी, प्रेमसागर त्रिपाठी, जगदीश ङ्क्षसह, गौतम लाल श्रीवास्तव, अब्दुल सलीम, उमेश तिवारी, मारकण्डेय ङ्क्षसह, जियाउद्दीन अंसारी, डा.दिवाकर मिश्र तथा अजय शंकर श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।