UP News: राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण, 30 जून को आएंगी गोरखपुर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 30 जून 2025 को गोरखपुर में पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करेंगी जिसकी आधारशिला पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी थी। 267.50 करोड़ रुपये की लागत से बने इस विश्वविद्यालय से लगभग 100 आयुष शिक्षण संस्थान जुड़े हैं। विश्वविद्यालय के ओपीडी में अब तक एक लाख से अधिक मरीज परामर्श ले चुके हैं। आयुष विश्वविद्यालय स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। करीब चार साल पहले गोरक्षनगरी के भहटहट क्षेत्र में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आधारशिला रखी थी, अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 30 जून 2025 को इसका लोकार्पण करेंगी। यह गोरखपुर का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जिसकी नींव भी राष्ट्रपति ने रखी और लोकार्पण भी राष्ट्रपति के हाथों होगा।
दोनों आयोजनों में राष्ट्रपति को बुलाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आयोजित होने वाले इस लोकार्पण समारोह को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुट गया है। विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।
भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में निर्माणाधीन इस विश्वविद्यालय की लागत 267.50 करोड़ रुपये है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और इसका शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था।
कमिश्नर अनिल ढींगरा और डीएम कृष्णा करुणेश ने सोमवार को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की जानकारी ली थी। कमिश्नर का कहना है कि वर्तमान समय में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है।
फैसिलिटी सेंटर, कुलपति आवास, अलग-अलग प्रकार के स्टाफ आवास तैयार हो गए हैं। जबकि, एकेडमिक और हास्पिटल ब्लाक में सिर्फ फिनिशिंग और बालक-बालिका छात्रावास में फाइनल कोट पेंटिंग से जुड़े कार्य ही बाकी हैं। इन्हें भी अधिकतम अगले दस दिन में पूरा करने की हिदायत कार्यदायी संस्था को दी गई है।
विश्वविद्यालय से जुड़े हैं करीब 100 आयुष शिक्षण संस्थान
प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के नियमन के लिए अलग-अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं।
पर, राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कालेजों का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से ही होता है। वर्तमान सत्र में प्रदेश के करीब सौ आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कालेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
अब तक एक लाख से अधिक मरीज ले चुके हैं परामर्श लाभ
आयुष विश्वविद्यालय में आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। तब से प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब एक लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं। जल्द ही यहां आयुष अस्पताल शुरू होने से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आदि से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी।
हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को भी मिलेगा बढ़ावा
आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी सृजित होंगी। इस पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है।
आयुष विश्वविद्यालय के पूरी तरह क्रियाशील होने से किसानों की तरक्की और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा। आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है।
राष्ट्रपति के हाथों एमजीयूजी में आडिटोरियम का उद्घाटन भी संभावित
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में नवनिर्मित आडिटोरियम का लोकार्पण और स्टेडियम का शिलान्यास भी महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों 30 जून को संभावित है।
एम्स के दीक्षांत समारोह में भी शामिल होने की उम्मीद
राष्ट्रपति 30 जून को गोरखपुर एम्स में यूजी (एमबीबीएस) के पहले बैच के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हो सकती हैं। इसे लेकर तैयारी चल रही है।
निरीक्षण कर तैयारी देखेंगे मुख्यमंत्री
राष्ट्रपति के संभावित कार्यक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के अपने अगले दौरे में आयुष विश्वविद्यालय का भी निरीक्षण करेंगे। वह इसके पहले भी कई बार विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों का जायजा ले चुके हैं।
अब तक पांच राष्ट्रपति आ चुके हैं गोरखपुर
गोरखपुर में अब तक पांच राष्ट्रपति आ चुके हैं। इनमें देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद, दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन, 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, 12वीं राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम शामिल है।
पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम गोरखपुर विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो.रेवती रमण पांडेय के बुलावे पर गोरखपुर आए थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में छात्रों और शिक्षकों से ‘विजन 2020 पर सीधा संवाद किया था।
कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने संतकबीर की निर्वाण स्थली मगहर जाने की इच्छा जताई। प्रशासन ने आनन-फानन उनके वहां जाने की व्यवस्था की थी। कार्यकाल समाप्ति के बाद फरवरी 2011 में डा.कलाम एक बार फिर गोरखपुर आए। तब गोरखनाथ क्षेत्र स्थित सेंट जोसेफ हाई स्कूल में गोरखपुर-बस्ती मंडल के छात्र-छात्राओं से उन्होंने ‘विज्ञान और प्राकृति के संरक्षण विषय पर संवाद किया था।
इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, मार्च 2009 में वायुसेना केंद्र गोरखपुर में 105 हेलिकॉप्टर यूनिट और 108 स्क्वाड्रन को ‘प्रेसिडेंशियल स्टैण्ड्डर्स सम्मान देने आई थीं। इसी तरह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन बार गोरखपुर आ चुके हैं।
वह पहली बार 9 दिसंबर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का संस्थापक सप्ताह समारोह, दूसरी बार 28 अगस्त 2021 को आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास और गोरखनाथ विश्वविद्यालय के उद्घाटन और तीसरी बार 4 जून 2022 को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ अवसर पर गोरखपुर आए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गोरखपुर आने वाली छठीं राष्ट्रपति होंगी।
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