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    Gorakhpur NEET Student Murder: तस्करी के रास्तों की होगी मैपिंग, बनेगा नया एक्शन प्लान

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 12:35 PM (IST)

    गोरखपुर के पिपराइच में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के बाद पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। जांच में सामने आया कि कैसे तस्कर 52 चेकिंग प्वाइंट होने के बावजूद हथियारों के साथ घूम रहे हैं। एडीजी जोन ने पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया है और नए रास्तों की मैपिंग करने के आदेश दिए हैं। फर्जी नंबर प्लेट के इस्तेमाल से भी तस्कर बच निकलते हैं।

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    एडीजी जोन ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान से मांगा ब्यौरा।- जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पिपराइच में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या के बाद पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवालों का जवाब ढूंढा जा रहा है।जिले में 52 चेकिंग प्वाइंट और रात की गश्त के बावजूद तस्करों का नेटवर्क इतना मजबूत कैसे हो गया कि वे हथियारों से लैस होकर खुलेआम वारदात कर रहे हैं? आखिर क्यों हर बार पुलिस की घेराबंदी ध्वस्त हो जाती है और तस्कर फरार हो जाते हैं? इन सवालों की गूंज अब लखनऊ तक पहुंचने के बाद तस्कर किस रास्ते से आ रहे इसकी नए सिरे से जानकारी जुटाई जा रही है।

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    एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाते हुए पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है। उन्होंने साफ कहा कि यह पता लगाया जाएगा कि आखिर बैरियर लगाकर चेकिंग करने और नियमित गश्त होने के बावजूद तस्कर कैसे पकड़ से बाहर निकल जाते हैं।

    यह पता लगाया जाए कि तस्कर किस रास्ते से गोरखपुर के साथ ही रेंज के जिलों से दाखिल हो रहे हैं, इसकी नए सिरे से पड़ताल कराए।नए सिरे से हर संभावित रूट की मैपिंग कर बैरियर लगाकर प्रभावी नियमित चेकिंग की जाए। साथ ही तस्करों के दिखने पर तत्काल घेराबंदी और कार्रवाई के लिए एक अलग एक्शन प्लान बनाएं।

    एडीजी ने साफ किया है कि यह भी जांच का हिस्सा होगा कि जिन जगहों पर बार-बार तस्कर पुलिस की पकड़ से बच निकले, वहां किस स्तर पर लापरवाही हुई। पुलिस सूत्रों का मानना है कि कई बार ढीली चेकिंग और नेटवर्क की खुफिया जानकारी समय पर न मिलने से तस्कर बच निकलते हैं।

    जांच में यह भी सामने आया है कि तस्कर अक्सर फर्जी नंबर प्लेट, चेसिस और इंजन बदलकर पिकअप का इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि नियमित चेकिंग के बावजूद उनकी गाड़ियां आसानी से बच निकलती हैं।

    गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जैसे सीमाई जिलों के साथ-साथ बिहार के गोपालगंज और सिवान पर विशेष नजर रखी जाएगी। आने-जाने वाले हर रास्ते की मैपिंग के बाद वहां सख्त चेकिंग और रूटीन कार्रवाई की व्यवस्था होगी।

    - मुथा अशोक जैन,एडीजी जोन