Move to Jagran APP

गोरखपुर में डॉ. कफील खान के घर पुलिस व मेडिकल विभाग का छापा

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन के अभाव में बच्चों की मौत के मामले में नामजद डॉ. कफील खान के घर सुबह पुलिस व मेडिकल विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 29 Aug 2017 11:13 AM (IST)Updated: Tue, 29 Aug 2017 05:57 PM (IST)
गोरखपुर में डॉ. कफील खान के घर पुलिस व मेडिकल विभाग का छापा
गोरखपुर में डॉ. कफील खान के घर पुलिस व मेडिकल विभाग का छापा

गोरखपुर (जेएनएन)। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में त्रासदी के मामले में नामजद डॉ. कफील खान पर पुलिस के साथ मेडिकल कालेज प्रशासन का शिकंजा कस गया है। लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद गोरखपुर के गुलहरिया थाना में केस ट्रांसफर होने के बाद आज पुलिस डॉ. कफील के आवास पर अस्पताल पहुंची। 

loksabha election banner

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन के अभाव में बच्चों की मौत के मामले में नामजद डॉ. कफील खान के घर सुबह पुलिस व मेडिकल विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की। टीम की छापेमारी से वहां हड़कंप मच गया। टीमों ने डॉक्टर के घर पर तलाशी ली। कुछ अहम दस्तावेज और सामग्री को कब्जे में लिया गया है। यहां पर अधिकारियों की टीमों ने डॉ. कफील की पत्नी से भी पूछताछ की है।

बाबा राघव दास मेडिकल कालेज प्रकरण में अभियुक्त बनाए गए इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी डा. कफील खान की तलाश में देर रात पुलिस टीम ने तुर्कमानपुर, राजघाट स्थित उनके आवास पर छापेमारी की लेकिन वह घर से गायब मिले।  रात में 12 बजे के आसपास सीओ कैंट के नेतृत्व में पहुंची एसटीएफ और पुलिस की टीम काफी देर तक उनके घर की तलाशी लेती रही। अब तक की जांच-पड़ताल के आधार पर पुलिस ने इस मामले में कालेज के एक अधिकारी और तीन कर्मचारियों को भी अभियुक्त बनाने का संकेत दिया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग क्षेत्राधिकारियों के नेतृत्व में तीन टीम गठित गई हैं। साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस प्रकरण से जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रही है।

मेडिकल कालेज प्रकरण में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी।  उनकी रिपोर्ट के आधार पर पूर्व प्रचार्य राजीव मिश्र, उनकी पत्नी और इंसेफ्लाइटिस वार्ड के प्रभारी डा. कफील खान सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमे की तफ्तीश क्षेत्राधिकारी कैंट कर रहे हैं। उनकी छानबीन में कालेज के एक अधिकारी सहित तीन कर्मचारियों की भी भूमिका इस मामले में संदिग्ध होने का संकेत मिला है। इस आधार पर उनको भी अभियुक्त बनाए जा सकता है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी कैंट, क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ और क्षेत्राधिकारी यातायात के नेतृत्व में अलग-अलग टीम गठित की गई है।

यह भी पढ़ें: लखनऊ के लोहिया अस्पताल में कुत्तों ने नोच डाला महिला का शव

क्या है पूरा मामला

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 व 11 अगस्त को अधिक बच्चों की मौत होने के बाद गोरखपुर के जिलाधिकारी को जांच सौंपी गई थी। डीएम की रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर कई अन्य जिम्मेदार डॉक्टरों को लापरवाही का तो दोषी माना गया था, लेकिन ऑक्सीजन की कमी की बात सामने नहीं आई थी।

यह भी पढ़ें: गोरखपुर आक्सीजन हादसे में डा. कफील और सतीश निलंबित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। मामले में कई स्तरों पर अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही की बातें सामने आई थीं।

यह भी पढ़ें: बीआरडी त्रासदी : नौ आरोपितों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज

ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म ने कॉलेज के प्राचार्य से लेकर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा तक को कई पत्र भेजे थे, फिर भी किसी ने इसे गंभीरता से लेकर भुगतान के लिए तत्परता नहीं बरती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.