PM Modi Gorakhpur Visit: श्रीराम के चित्र पर पुष्पांजलि कर लीला चित्र मंदिर का दर्शन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन को लेकर गोरखपुर में तैयारियां तेज हो गई हैं। गीताप्रेस परिसर को चमकाने का कार्य शुरू हो गया है। बैनर व आमंत्रण पत्र ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष के औपचारिक समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के दृष्टिगत तैयारी तेज हो गई है। उनका आगमन सात जुलाई को प्रस्तावित है। कार्यक्रमों की रूपरेखा लगभग तय हो चुकी है, लेकिन पीएम के आने का समय तय होने के बाद उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। गीताप्रेस में टेंट लगाने का काम शनिवार को शुरू हो गया। एसपी इंटेलीजेंस अभिलाष त्रिपाठी व अग्निशमन विभाग टीम ने पहुंचकर व्यवस्था की जानकारी ली। स्वागत बैनर व आमंत्रण पत्र का नमूना तैयार हो गया है। तिथि व समय तय होने के बाद उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
ये है शेड्यूल
जिला प्रशासन से गीताप्रेस को पहले सूचना आई कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम गीताप्रेस में एक घंटे का हो सकता है। इसके बाद 45 मिनट और फिर आधा कार्यक्रम होने की सूचना आई। फिलहाल शाम तक तय नहीं हो पाया कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम गीताप्रेस में कितने देर का रहेगा और उसका समय क्या होगा, लेकिन गीताप्रेस प्रबंधन ने कार्यक्रमों की सूची बना ली है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री का स्वागत सबसे पहले गीताप्रेस के ट्रस्टी करेंगे। इसके बाद उन्हें दूसरे तल पर लीला चित्र मंदिर में ले जाया जाएगा। मार्ग में पड़ने वाले हाल में कर्मचारी पीएम का अभिवादन करेंगे।
लीला चित्र मंदिर में देवी-देवताओं के चित्रों का दर्शन करेंगे पीएम
इसके बाद वह लीला चित्र मंदिर में जाएंगे और वहां रखे भगवान राम के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। तत्पश्चात वहां प्रदर्शित अनेक देवी-देवताओं के चित्रों का दर्शन करेंगे। इसके बाद ट्रस्टियों के साथ फोटोग्राफी व बैठक करेंगे। इसी दौरान उन्हें गीताप्रेस पर बनाई गई चार मिनट की डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। तत्पश्चात वह नीचे मंच पर आएंगे। स्मृति चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया जाएगा। इसके बाद उनके हाथों चित्रमय शिवपुराण का विमोचन कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वागत उद्बोधन के बाद पीएम लोगों को संबोधित करेंगे।
भेंट की जा सकती हैं हिंदी व गुजराती में छपी पुस्तकें
प्रधानमंत्री को चित्रमय शिवपुराण तो भेंट की ही जाएगी, इसके साथ और कौन सी पुस्तकें उन्हें भेंट की जाएं इसके बारे में प्रबंधन अभी तय कर रहा है। विचार किया जा रहा है कि वह मूलत: गुजरात से हैं, इसलिए उन्हें हिंदी के साथ गुजराती में छपी पुस्तकें भी प्रदान की जाएं। प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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