PM Kisan Land Seeding: चेहरा दिखा अभिलेखों में जिंदा हो रहे किसान, घर पर नहीं मिले किसानों को दिखा दिया था मृत
पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की लैंड सीडिंग में लेखपालों ने कुछ किसानों को मृत दर्शा दिया। जिसके चलते अब ऐसे किसानों का फेशियल रिकग्निशन करा उन्हें जिंदा करके निधि की किस्त दिलाई जा रही। अधिकारियों ने बताया कागजातों में मृत होने के कारण निधि रोकी गई है। अब तक ऐसे 15 मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी यह संख्या और बढ़ सकती है।

जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। वर्ष 2021 में आई हिंदी फिल्म कागज में अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने लाल बिहारी के किरदार के माध्यम से जिस सच्चाई को उजागर किया था, सरकारी कर्मी यदि उससे सबक लेते तो शायद ऐसा नहीं होता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की लैंड सीडिंग के दौरान लेखपालों ने उन किसानों को कागजातों में मृत दर्शा दिया, जो घर पर नहीं मिले। जब बैंक खाते में निधि की धनराशि नहीं पहुंची और किसान कृषि विभाग में जानकारी करने पहुंचे तो उन्हें जो कारण बताया गया, उसे सुन उनका माथा चकरा गया।
अधिकारियों ने बताया, कागजातों में मृत होने के कारण निधि रोकी गई है। अब ऐसे किसानों का फेशियल रिकग्निशन करा उन्हें जिंदा करके निधि की किस्त दिलाई जा रही। पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त जारी होने के बाद प्रदेश सरकार ने लाभार्थियों की लैंड सीडिंग (खतौनी में दर्ज जमीनों का सत्यापन कर फाइल से लिंक कराना) कराई थी, जिसमें लाभार्थियों का सत्यापन लेखपालों ने किया।
जिले में 5.36 लाख किसानों को निधि का लाभ मिल रहा है। लैंड सीडिंग के समय लेखपालों को किसानों के घर पहुंच सत्यापन करना था, लेकिन उन्होंने कुछ की ऐसी रिपोर्ट लगा दी कि अब न केवल विभागीय अधिकारी परेशान हैं, बल्कि लाभार्थी किसानों को खुद को जिंदा साबित करने के लिए अपने चेहरे का सत्यापन कराना पड़ रहा है।
हाल ही में 15 नवंबर को केंद्र सरकार ने निधि के 2,000 रुपये लाभार्थियों के खाते में भेजे तो कुछ किसान विभाग में जानकारी करने पहुंचे। जांच हुई तो पता चला कि वे तो कागजातों में मृत हो गए हैं। किसानों ने जिंदा होने का प्रमाण प्रस्तुत किया तो उनका फेशियल रिकग्निशन (आधार कार्ड से चेहरे मिलाकर ई-केवाईसी कराना) कराया गया और अभिलेखों में जिंदा दर्शाकर निधि का लाभ दिलाया गया। अब तक ऐसे 15 मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी यह संख्या और बढ़ सकती है।
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ये किसान कागजातों में दर्शाए गए हैं मृत
कैंपियरगंज के बगहीभारी के रामप्रसाद, मोहम्मदपुर के अजय कुमार, खोराबार के नऊआं अब्बल के शिवानंद, रायगंज के सुरेश मौर्य, सुनील, बिंदु, राम आश्रय, गगहा के धेवरपार के रामकिशन, कमता के राजबहादुर, सहजनवां के डोमहरमाफी गांव के बेचन प्रसाद, जंगल कौड़िया के कुशहरा के केशभान, आदित्य चंद, ऊषा देवी, गनेश, गोला के भरसी बुजुर्ग की आशा देवी।
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क्या कहते हैं अधिकारी
पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी होने के पहले लाभार्थियों की लैंड सीडिंग कराई गई। भूमि का मामला होने से यह सत्यापन लेखपालों ने किया। 15 नवंबर को किस्त जारी होने के बाद कई किसान शिकायत लेकर आ रहे हैं कि उनकी किस्त खाते में नहीं पहुंची। जांच करने पर पता चल रहा कि वे कागजात में मृत दिखाए गए हैं। उनके जिंदा होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद आधार कार्ड से चेहरे का मिलान कराकर दोबारा सम्मान निधि से जोड़ा जा रहा है। अब तक 15 किसान शिकायत कर चुके हैं। -अरविंद सिंह, उप निदेशक कृषि
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