Lockdown in Gorakhpur: ऑनलाइन बाजार में खजूर का भरपूर स्टॉक, ऑर्डर कम Gorakhpur News
रमजान के महीने में खजूर से ही इफ्तार करने की परंपरा है। माना जाता है कि मोहम्मद साहब खजूर से इफ्तार की शुरूआत करते थे। ऑनलाइन बाजार में खजूर की उपलब्धता पर्याप्त है।
गोरखपुर, जेएनएन। रमजान नजदीक आ रहा है और धीरे-धीरे खजूर की मांग भी बढऩे वाली है। लॉकडाउन के चलते ऑफलाइन कारोबार करने वाले थोक व्यापारी जहां माल न आने से चिंतित हैं, वहीं इस समय ऑनलाइन कारोबार पर निर्भर सुपर बाजारों में खजूर का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। हालांकि ऑनलाइन ऑर्डर अभी कम मिल रहे हैं।
खजूर से इफ्तार करने की है परंपरा
रमजान के महीने में खजूर से ही इफ्तार करने की परंपरा है। माना जाता है कि मोहम्मद साहब खजूर से इफ्तार की शुरूआत करते थे। अपने गुणों के कारण खजूर की खूब मांग रहती है। लॉकडाउन के समय लोगों में इस बात की चिंता है कि खजूर मिलेगा या नहीं। आमतौर पर लोग दुकानों से खजूर खरीदते रहे हैं। ऑनलाइन बाजार पर अबतक निर्भरता काफी कम रही है। यही कारण है कि इस बार भी लोग किराना दुकानों पर खजूर ढूंढ रहे हैं लेकिन ऑनलाइन बाजार में खजूर की उपलब्धता पर्याप्त है।
जरूरत के सभी सामान की ऑनलाइन हो रही डिलीवरी
स्पेंसर एडी मॉल के स्टोर मैनेजर अशोक प्रसाद का कहना है कि जरूरत के सभी सामान की ऑनलाइन डिलीवरी की जा रही है। रमजान को देखते हुए खजूर की पर्याप्त उपलब्धता है। बाहर से नया माल भी आ रहा है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ऑर्डर अभी पर्याप्त नहीं आ रहे हैं। इस त्योहार में थोड़ी भी कमी नहीं होने वाली। शरबत भी आसानी से मिल जाएगा। ऑनलाइन ऑर्डर लेने वाले गणेश मार्ट के शिवेंद्र मिश्र ने बताया कि खजूर की मांग अभी कम आ रही है। स्टाक पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि रमजान में आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
थोक व्यापारियों के पास कम बचा है माल
गोरखपुर व आसपास के जिलों में साहबगंज मंडी से ही खजूर की आपूर्ति की जाती है। चैंबर ऑफ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अनूप किशोर अग्रवाल ने बताया कि होली के समय करीब 400 गत्ता खजूर मंगाया था, लेकिन अब केवल 50 गत्ता ही बचा है। नए मॉल के लिए ऑर्डर दिया है, गाड़ी न मिलने से अभी तक डिलीवरी नहीं हो सकी है।
आर्डर हुआ है पर लाने के लिए ट्रांसपोर्टर तैयार नहीं
थोक कारोबारी अतुल गुप्ता का कहना है कि खजूर का स्टॉक समाप्त हो चुका है। ऑर्डर लगाया गया है, लेकिन अभी ट्रांसपोर्टर तैयार नहीं हो रहे हैं। माल न आ पाने की स्थिति में समस्या हो सकती है। 30 वर्षों से गोरखनाथ में खजूर बेच रहे फहीम के मुताबिक रमजान में विदेशी खजूर की डिमांड दस गुना तक बढ़ जाती है। लॉकडाउन के चलते विदेशी खजूर नहीं आ पाया है।
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