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गोरखपुर के रैन बसेरा में सिर्फ सोने की व्‍यवस्‍था, बाकी काम सड़क पर Gorakhpur News

महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि धर्मशाला रैन बसेरा में अव्यवस्था की जानकारी है। अन्य स्थानों पर रैन बसेरा की स्थिति अच्छी है। धर्मशाला में नया रैन बसेरा बनाया जाएगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 12:06 PM (IST)
गोरखपुर के रैन बसेरा में सिर्फ सोने की व्‍यवस्‍था,  बाकी काम सड़क पर Gorakhpur News
गोरखपुर के रैन बसेरा में सिर्फ सोने की व्‍यवस्‍था, बाकी काम सड़क पर Gorakhpur News

 गोरखपुर, जेएनएन। घर जैसी सुविधा देने के लिए शहर में खुले रैन बसेरे यात्रियों को बड़ी सहूलियत दे रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद शहर के रैन बसेरों में काफी चाक-चौबंद व्यवस्था है। रैन बसेरा खुले रहते हैं और यहां ठहरने वालों के लिए गद्दे-रजाई की भी व्यवस्था है, लेकिन रैन बसेरा में रुकने वालों की संख्या अभी नाकाफी है। कहीं दो लोग ठहरते हैं तो कहीं पांच-छह की संख्या रहती है। ट्रांसपोर्टनगर में रैन बसेरा की जगह कुछ लोग सड़क किनारे सोना पसंद करते हैं। इन लोगों को रात में पल्लेदारी करनी रहती है, इसलिए यह रैन बसेरा में नहीं जाते हैं। इसी तरह का अनुमान शहर के अन्‍य  रैन बसेरों के बारे में लगाया जा सकता है। 

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कचहरी रैन बसेरा : रात 9:15 बजे

कचहरी बस स्टेशन से पहले और गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आवास के बगल में रैन बसेरा खुला था। यहां पुरुषों के लिए 10 और महिलाओं के लिए पांच बेड की व्यवस्था है लेकिन पांच पुरुष ही रुके थे। बिहार के बक्सर निवासी राधेश्याम पांडेय पुलिस भर्ती में प्रमाणपत्रों का वेरीफिकेशन कराने आए थे। रात में उन्होंने रैन बसेरा में रुकना मुनासिब समझा।

ट्रांसपोर्टनगर रैन बसेरा : रात 9:30 बजे

बस्ती के दो युवक ट्रांसपोर्टनगर रैन बसेरा में सोते मिले। केयर टेकर शमशेर दिन में सड़क किनारे वाहनों की सर्विसिंग करते हैं और रात में रैन बसेरा की देखरेख करते हैं। यहां मच्छरों के कारण यात्री परेशान थे। शमशेर ने बताया कि मच्छरों को भगाने के लिए क्वायल और अन्य पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। 10 बेड के रैन बसेरा में चार बेड महिलाओं के लिए है, लेकिन कोई महिला नहीं रुकी मिली।

हांसूपुर रैन बसेरा : रात 10 बजे

विकास मिशन समिति इस रैन बसेरा का संचालन करती है। संस्था ने गोविंद गुप्ता नाम के एक युवक को केयर टेकर के रूप में रखा है। इस रैन बसेरा में सिर्फ 10 पुरुषों के रहने की व्यवस्था है। यहां तीन लोग रुके थे। इनमें से एक ने बताया कि वह शहर में मजदूरी करता है। जिस दिन देर हो जाती है तो वह रैन बसेरा में रुक जाता है।

धर्मशाला रैन बसेरा : रात 10:30 बजे

धर्मशाला के रजिस्टर पर चार यात्रियों की इंट्री थी, लेकिन मौके पर छह लोग मिले। रैन बसेरा में बाथरूम है ही नहीं। थोड़ी दूरी पर सुलभ शौचालय है लेकिन वह रात में बंद हो जाता है। यानी रात में बाथरूम लगी तो सड़क किनारे ही जाना पड़ेगा। रैन बसेरा के कई तख्ते टूट चुके हैं। नीचे ईंट लगाकर इन्हें सीधा किया गया है।

अलाव अब तक नहीं जले

रात में ठंड बढऩे के बाद भी अब तक शहर में नगर निगम ने कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं कराई है। ट्रांसपोर्टनगर पुलिस चौकी के बगल में कुछ लोग टायर और प्लास्टिक जलाकर ठंड दूर भगा रहे थे। टायर से उठ रहे धुएं के कारण वहां रुकना मुश्किल था, लेकिन लोग मजबूरी में वहीं बैठे थे।

अव्‍यवस्‍था के बारे में मिली है जानकारी

इस संबंध में महापौर सीताराम जायसवाल का कहना है कि धर्मशाला रैन बसेरा में अव्यवस्था की जानकारी है। अन्य स्थानों पर रैन बसेरा की स्थिति अच्छी है। धर्मशाला में नया रैन बसेरा बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार से इसकी अनुमति मिल चुकी है। डूडा को अत्याधुनिक रैन बसेरा बनाना है। रैन बसेरे की सुविधाओं में और इजाफा किया जाएगा।


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