नृपेंद्र मिश्र : गांव की गलियों से तय किया PMO तक का सफर
प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव देवरिया जिले के बरहज तहसील क्षेत्र के कसिली गांव निवासी नृपेंद्र मिश्र को पदमभूषण पुरस्कार मिलने की सूचना पर गांव के युवाओं के साथ बुजुर्गों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग मोबाइल से एक दूसरे को यह खुशी साझा कर रहे हैं।
देवरिया, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख व प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव देवरिया जिले के बरहज तहसील क्षेत्र के कसिली गांव निवासी नृपेंद्र मिश्र को पदमभूषण पुरस्कार मिलने की सूचना पर गांव के युवाओं के साथ बुजुर्गों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग मोबाइल से एक दूसरे को यह खुशी साझा कर रहे हैं। ग्रामीणों का सीना चौड़ा हो गया है। गांव में की चर्चा है। उधर देवरिया जिले के अन्य कस्बों के लोगों में भी प्रशन्नता है।
नृपेंद्र मिश्र की प्रोफाइल
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख व प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव देवरिया जिले के बरहज तहसील क्षेत्र के कसिली गांव के मूल निवासी नृपेंद्र मिश्र पदमभूषण पुरस्कार मिलने की सूचना पर पुस्तैनी गांव के युवाओं के साथ बुजुर्गों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग मोबाइल से एक दूसरे को यह खुशी साझा कर रहे हैं। ग्रामीणों का सीना चौड़ा हो गया है। गांव में की चर्चा है। उधर देवरिया जिले के अन्य कस्बों के लोगों में भी प्रशन्नता है।
खुशी से उछल पड़े गांव के लोग
गांव में जैसे ही मिश्र को सम्मान मिलने की सूचना मिली, लोग खुशी से उछल पड़े। गांव में इस वक्त मिश्र के पैतृक घर का सिर्फ अवशेष है, जो उनके गांव के ताल्लुकात को जोड़ रहा है। मिश्र की शिक्षा कानपुर में हुई, लेकिन गांव की माटी से उनका लगाव है।
ग्रामीण बोले
गांव के बुजुर्ग कैलाश नाथ मिश्रा, सुरेश नाथ तिवारी, कहते हैं कि हमें नृपेंद्र मिश्र पर नाज है। गांव के शिक्षक आत्म प्रकाश मिश्र कहते हैं कि वह काफी सहज हैं। भले ही गांव में नहीं रहे, लेकिन उनका लगाव गांव के लोगों से आज भी है। पुरस्कार मिलना गर्व की बात है।
नृपेंद्र मिश्र की प्रोफाइल
नाम- नृपेंद्र मिश्र (1967 बैच के आइएएस)
पिता- स्व. शिवेश चंद्र मिश्र
पुत्र- एक
पुत्री- एक
भाई- सुशील चंद्र मिश्र